नई दिल्ली : सिद्धू मूसेवाला अगर जिंदा होते तो आज अपना 31वां जन्मदिन मना रहे होते। पिछले साल 29 मई को उनकी दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई थी। सिद्धू यंग जेनरेशन के सबसे पसंदीदा पंजाबी सिंगर्स में से एक थे। हालांकि वो अपने गाने से हुए विवादों की वजह से भी चर्चा में रहे। मर्डर से महज 4 दिन पहले उनका आखिरी गाना रिलीज हुआ था। मूसेवाला हर दिन घर से निकलने से पहले अपनी मां से माथे पर टीका लगवाते थे। हत्या वाले दिन वे बिना टीका लगवाए ही निकल गए थे। जब उन्हें शूट किया गया, तब उनके 30वें जन्मदिन में महज 12 दिन बचे थे।
छठी क्लास से हिप-हॉप संगीत सीखना शुरू कर दिया था
सिद्धू मूसेवाला जिनका असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था, उनका जन्म 11 जून 1993 को पंजाब के मानसा जिले के मूसा गांव में पिता बलकौर सिंह और मां चरण कौर के घर हुआ था। वो एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते थे। 2016 में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था।
हालांकि बचपन से सिद्धू का झुकाव संगीत की तरफ था। वो फेमस रैपर टुपैक शकूर के बहुत बड़े फैन थे। जब वो छठी क्लास में थे, तभी से उन्होंने हिप-हॉप संगीत सीखना शुरू कर दिया था। काॅलेज में पढ़ाई के दौरान सिद्धू कल्चरल प्रोग्राम के म्यूजिक इवेंट्स में पार्टिसिपेट करते थे।
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिद्धू आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा चले गए थे। वहां पर उन्होंने हंबर कॉलेज से पढ़ाई पूरी की।
सिद्धू का सिंगिंग सफर
सिद्धू ने गाना गाने नहीं बल्कि लिखने से म्यूजिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने पहला गाना ‘लाइसेंस’ लिखा था। इसे सिंगर निंजा ने अपनी आवाज दी थी। ये गाना हिट था जिसके बाद सिद्धू को राइटर के तौर पर लोग जानने लगे।
2017 में सिद्धू का पहला गाना ‘जी वैगन’ रिलीज हुआ था। हालांकि उन्हें पॉपुलैरिटी ‘सो हाई’ गाने से मिली। उन्होंने 2018 से भारत में लाइव शो करना शुरू किया और कनाडा में कई शो किए। 2018 में उनका गाना ‘फेमस’ रिलीज हुआ था, जिसकी पॉपुलैरिटी ने उन्हें टाॅप 40 यूके एशियन चार्ट में एंट्री दिलाई।
एक्टिंग में भी हाथ आजमाया, लेकिन असफल रहे
सिंगिंग में कामयाबी पाने के बाद सिद्धू ने दो फिल्मों यस आई एम स्टूडेंट और तेरी मेरी जोड़ी में काम किया था। हालांकि ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई नहीं कर पाईं थीं। उन्होंने दो-तीन फिल्मों की अनाउंसमेंट भी की थीं, लेकिन वो रिलीज नहीं हो पाईं।
2018 में राजनीति में रखा कदम
सिद्धू ने 2018 के पंचायत चुनाव में मां चरण कौर के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया था, जिसमें उनकी मां को जीत भी हासिल हुई थी।
3 दिसंबर 2021 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था। पार्टी के विधायक नजर सिंह मनशाहिया ने सिद्धू की उम्मीदवारी का विरोध किया था।
विधानसभा की चुनावी सरगर्मियां ही थीं, जिनकी वजह से सिद्धू की मौत मई 2022 तक टलती रही। उनकी मौत की कहानी तो 2021 के अगस्त से ही गढ़ी जा रही थी।