Amarnath Yatra 2023: आखिर किसने किए थे बाबा बर्फानी के सबसे पहले दर्शन? कहानी है बड़ी ही दिलचस्प

नई दिल्ली : आज सावन का पहला सोमवार है। ऐसे में देशभर के शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज है। सावन के शुरू होते ही बाबा बर्फानी की यात्रा शुरू हो चुकी है और भक्तों का पहला बैच भी बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए निकल चुका है। हर साल यहां हजारों-लाखों में भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए भक्त पूरे साल इंतजार करते हैं, बता दें हिंदू के पवित्र स्थलों में से एक ये जगह जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित है।
कहां स्थित है अमरनाथ गुफा
अमरनाथ गुफा श्रीनगर से 135 किमी दूर समुद्रतल से 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। कहते हैं कि यहां आकर भगवान शिव के स्वयंभू शिवलिंगम के दर्शन से सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। यहां पहुंचना काफी कठिन है, जिस वजह से इस यात्रा को काफी कठिन माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर सबसे पहले बाबा बर्फानी के दर्शन आखिर किसने किए थे? चलिए जानते हैं अमरनाथ यात्रा से जुड़ी कुछ पौराणिक कथा के बारे में।
अमरनाथ यात्रा का क्या है महत्व​

अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग बाबा-बर्फानी के दर्शन करने के लिए आते हैं, जो कि अमरनाथ यात्रा के अंदर एक स्वयंभू रूप में स्थापित है। इस गुफा में हर साल बर्फ से शिवलिंग बनता है, जो कि चंद्रमा के चरणों के अनुसार फैलता और सिकुड़ता है। अमरनाथ गुफा को अमरेश्वर भी कहते हैं और माना जाता है कि बाबा बर्फानी के दर्शन करने से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है। अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के साथ-साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की संरचना बनाई जाती है, इस वजह से हिंदू धर्म में अमरनाथ गुफा का एक अलग ही महत्व है।

इन्होंने सबसे पहले किये दर्शन

पौराणिक कथा के मुताबिक, अमरनाथ गुफा के पहले दर्शन महर्षि भृगु द्वारा किए गए थे। एक कथा के अनुसार, एक बार कश्मीर घाटी पूरी तरह से पानी में डूबने वाली थी, उस दौरान महर्षि कश्यप ने नदियों और नालों के जरिए पानी को बाहर निकालने की कोशिश की थी। जिस समय घाटी से पानी को बाहर निकाला गया, उस दौरान महर्षि भृगु हिमालय की यात्रा करते हुए उसी रास्ते से निकल रहे थे और उन्हें तपस्या करने के लिए किसी शांत सी जगह की तलाश थी, ऐसे में वो खोज करते हुए अमरनाथ गुफा पहुंच गए, जहां उन्हें बाबा बर्फानी के दर्शन हुए। तभी से हर साल अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ होती है।

​एक दूसरी कहानी के अनुसार ​

अमरनाथ गुफा के दर्शन करने की एक और कहानी है, गुफा को एक बूटा मलिक नाम के चरवाहे ने खोजा था। कहते हैं 15 वीं शताब्दी में बूटा बालिक को एक संत ने कोयले से भरा बैग दिया था और जब वे थैले को लेकर वापस लौटा, तो उसमें कोयले की जगह सोने के सिक्के थे। बूटा ये देखकर हैरान रह गया और संत को धन्यवाद करने के लिए जब वो उस जगह पर पहुंचा तो उसे वहां कोई संत नहीं मिला, बल्कि उस जगह पर उसे शिवलिंग की एक गुफा मिली। कहते हैं तभी से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हुई।

​अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं

  • ​सबसे पहले अमरनाथ यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जाएं।
  • फिर ऊपर दिए लिंक पर क्लिक करें, फिर अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड का होम पेज खुलेगा।
  • इसके बाद Whats New Section पर क्लिक करें और अपना मार्ग बालटाल या पहलगाम में से चुनें।
  • फिर आपको रजिस्टर ऑनलाइन के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद सामने जो पेज आएगा, उस पर सारी जानकारी जैसे नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर, यात्रा की तारीख में सारे डॉक्यूमेंट्स आपको भरने होंगे।
  • Registration fees भरके ऑप्शन सबमिट दबाएं।
  • आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, फिर इसके बाद प्रिंट आउट निकाल लें। ​​

 

अमरनाथ तक कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग से : दुर्गम इलाकों में होने की वजह से अमरनाथ सड़क मार्ग से ज्यादा अच्छे से जुड़ा हुआ नहीं है। आप पहले जम्मू जा सकते हैं और फिर वहां से आपको श्रीनगर जाना होगा। फिर बालटाल या पहलगाम पहुंचना होगा। अमरनाथ तक पहुंचने के रास्ते में बालटाल सबसे छोटा रास्ता है, लेकिन थोड़ा कठिन है। पहलगाम ट्रेक काफी लंबा और कठिन है। कठिन इलाकों के लिए आप टट्टू और पालकी भी किराए पर ले सकते हैं। बालटाल से अमरनाथ तक पहुंचने के लिए 1-2 दिन (15 किमी) का सफर करना पड़ता है। हालांकि, पहलगाम मार्ग अपेक्षाकृत लंबा है और इसमें लगभग 3-5 दिन (36-48 किमी) लगते हैं।

ट्रेन से: अमरनाथ के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। पास का स्टेशन जम्मू है, जो अमरनाथ से 178 किलोमीटर की दूरी पर है। जम्मू से, बालटाल या पहलगाम तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराये पर ले सकते हैं। बालटाल से अमरनाथ तक पहुंचने के लिए 1-2 दिन (15 किमी) का सफर करना पड़ता है। हालांकि, पहलगाम मार्ग अपेक्षाकृत लंबा है और इसमें लगभग 3-5 दिन (36-48 किमी) लगते हैं।

अमरनाथ में स्थानीय परिवहन : अमरनाथ गुफा इस शहर का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण है। वहां पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं, एक तो श्रीनगर से हेलीकॉप्टर लेकर पंजतरनी में उतरना, जो गुफा से 2 किलोमीटर दूर है या बालटाल तक कार से यात्रा करना, जहां से यह 13.5 किलोमीटर की यात्रा है, जहां तक केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है। इनके अलावा, सबसे लोकप्रिय तरीका पहलगाम से ट्रेक करना है जिसमें 3-5 दिन लगते हैं।

 

Visited 250 times, 1 visit(s) today
शेयर करें

मुख्य समाचार

Weather Update: बंगाल में भीषण गर्मी के बीच आज 3 जिलों में बदलेगा मौसम, कहां-कहां होगी बारिश ?

कोलकाता: बंगाल में लोगों को लू और गर्म हवा का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग की मानें तो गर्मी की लहर अभी कम आगे पढ़ें »

संदेशखाली में CBI ने बनाया कैंप, शाहजहां शेख के गुर्गों की बढ़ेगी मुश्किलें

कोलकाता: संदेशखाली मामले में CBI की टीम बहुत जल्द बड़ा एक्शन ले सकती है। दरअसल, CBI की एक टीम ने संदेशखाली में जमीन हड़पने और यौन आगे पढ़ें »

ऊपर