नई दिल्ली: देश में बच्चों को दी जाने वाली दवाओं को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है। इसके अलावा DCGI ने दवाओं को लेबल किए जाने का भी आदेश दिया है। ये फैसला दुनियाभर में 141 बच्चों की मौत के बाद लिया गया है।
इन दो दवाओं के कॉम्बिनेशन पर लेबलिंग जरुरी
बता दें कि भारत में बने कफ सीरप से दुनियाभर में 141 बच्चों की हुई मौत के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। DCGI ने 18 दिसंबर को सभी राज्यों को एक लेटर लिखा और इसमें दो दवाओं क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन के कॉम्बिनेशन का उपयोग करके बनाए गए सिरप की पैकेजिंग पर लेबलिंग करने की भी बात कही है। पत्र जारी कर DCGI ने कहा कि ये पैकेजिंग पर लिखा जाए कि दवा में क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन की कितनी-कितनी मात्रा का इस्तेमाल किया गया है।
सर्दियों में दी जाती है ये दवाई
इन दवाओं के कॉम्बिनेशन से तैयार सिरप या गोलियों का इस्तेमाल सामान्य सर्दी के इलाज के लिए किया जाता है। बता दें कि साल 2022 में गांबिया, उज्बेकिस्तान में भारत में बने कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे। साल 2022 में मेडन फार्मा के 4 सिरप से कथित रूप से करीब 70 बच्चों की मौत का आरोप लगाया गया था। इन बच्चों में से ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के थे। वहीं गांबिया सरकार ने जांच में पाया था कि भारतीय कंपनी के बनाए गए कफ सिरप से बच्चों की मौतें हुई हैं। उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया था कि भारत में बने कफ सिरप की वजह से उनके देश में 18 बच्चों की मौत हुई।