Ayodhya Ram Mandir Innaugration : किसने और कैसे निकाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मुहुर्त?

अयोध्या : रामलला अपने जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में किस दिन विराजमान होंगे और किस शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी यह सनातन परंपरा के अनुसार शुभ दिन, नक्षत्र, योग और करण देख कर विद्वान पंडित निश्चित करते हैं। इसके साथ ही यजमान की कुंडली भी देखी जाती है। शुभ मुहूर्त निकालने का दायित्व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने कांची कामकोटि पीठ और पेजावर पीठ के शंकराचार्यों को दिया था। उन्होंने मुहूर्त निकालने का काम काशी के राम घाट पर स्थित सांगवेद विद्यालय के प्रकांड पंडितों गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और विश्वेश्वर शास्त्री द्रविड़ को दिया, दोनों सगे भाई हैं। दोनों दक्षिण भारतीय हैं, दोनों का जन्म काशी में हुआ। इनके पूर्वज 400 साल पहले तमिलनाडु से पैदल चलकर काशी आए थे। यहां राम घाट पर राम मंदिर बनाया। 103 वर्ष पहले यहीं सांगवेद विद्यालय की स्थापना की गयी। वैसे यह विद्यालय बहुत चर्चा में नहीं है, आम लोगों को इसके बारे में 2020 में तब पता चला जब यहां के इन दोनों भाइयों ने 5 अगस्त 2020 का श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास मुहूर्त निकाला था। चातुर्मास में जब देवताओं के शयन का समय होता है और कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता, ऐसे समय में भूमि पूजन का मुहूर्त निकालना किसी भी ज्योतिषाचार्य के लिए बड़ी चुनौती है। इनका कहना है ​कि हमारे ऋषि मुनियों ने प्रचलित शुभ मुहूर्तों के अतिरिक्त भी मुहूर्त निकालने के उपाय खोज रखे हैं। प्राचीन भारतीय ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि अनेक प्रश्नों के उत्तर देता है।

श्री रामलला की मूर्ति स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने के लिए भी सांगवेद विद्यालय से ही संपर्क किया गया। दोनों भाइयों ने मिलकर 22 जनवरी 2024 का मुहूर्त निकाला। भारतीय पंचांग के अनुसार 22 जनवरी को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी है। सोमवार का दिन, मृगशिरा नक्षत्र, ब्रह्म योग, बव करण और चंद्रमा वृष राशि में है। इस दिन सूर्योदय से लेकर 23 जनवरी को प्रात: 4.32 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है और अमृत सिद्धि योग भी सूर्योदय से लेकर अगले दिन 4.59 बजे तक है। चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। प्राण प्रतिष्ठा का समय 12 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड का है। जब मुहूर्त का समय सार्वजनिक हुआ तो अनेक प्रकांड पंडितों ने इस मुहुर्त को प्रधानमंत्री मोदी के लिए अहितकर बताया। प्रधानमंत्री कार्यालय, विश्व हिंदू परिषद और श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को अनेक पत्र लिखकर इस मुहूर्त को अशुभ बताया। लेकिन दोनों भाइयों के पास 22 जनवरी के मुहूर्त के पक्ष में ठोस तर्क थे। विश्वेश्वर शास्त्री कहते हैं – सांगवेद विद्यालय हर शंका का वेद और शास्त्र सम्मत समाधान करता है, मुहूर्त पर प्रश्न खड़े करने वालों को भी सही उत्तर दिए गए। अंत में प्रधानमंत्री कार्यालय, न्यास और विहिप ने उनके द्वारा सुझाए गए मुहूर्त को ही स्वीकार किया।

कुछ लोगों को क्यों है आपत्ति? 

शास्त्रों के अनुसार माघ, फाल्गुन, वैशाख ज्येष्ठ मास में देव मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी चाहिए। भद्रा तिथि नहीं होनी चाहिए, चर लग्न के बजाय स्थिर लग्न होना चाहिए। वेद पुराणों धर्म ग्रंथों के ज्ञाता कहते हैं परमात्मा देश काल वस्तु से अपरिछिन्न हैं। स्वामी दुर्गेशानंद कहते हैं काल भगवान की परछाई है। जब मनुष्य के मन में परमार्थ और ईश्वरीय कार्यक्रम की भावना उत्पन्न हो, वही शुभ मुहूर्त है।

दुर्गेशानंद कहते हैं – मुहूर्त सही है सूर्य 14 जनवरी को उत्तरायण हो जायेंगे, प्राण प्रतिष्ठा के समय भद्रा नहीं है।

लखनऊ : अयोध्या में श्री राम के दर्शन-पूजन के इच्छुक श्रद्धालुओं, पर्यटकों को अहमदाबाद-अयोध्या के बीच सीधी हवाई सेवा का विकल्प प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को आयोजित एक कार्यक्रम में अहमदाबाद – अयोध्या के लिए इंडिगो एयरलाइंस की सीधी हवाई सेवा को हरी झंडी दिखाई। अयोध्या-अहमदाबाद के बीच नई हवाई सेवा आरंभ होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उड़ान सेवा से भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या, हवाई सेवा द्वारा, सीधे अहमदाबाद से जुड़ गयी है। एक सरकारी बयान के मुताबिक, दिल्ली के बाद अयोध्या से जुड़ने वाला अहमदाबाद दूसरा प्रमुख शहर है। आगामी 15 जनवरी से मुम्बई के लिए उड़ान सेवा आरम्भ हो जाने के पश्चात मुम्बई तीसरा स्थल हो जाएगा।

इसके अतिरिक्त, 16 जनवरी, 2024 से दिल्ली के लिए एक और उड़ान आरम्भ हो रही है। मुख्यमंत्री ने बेहतर हवाई सेवाओं को पर्यटन और व्यापार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाला बताया।

‘प्रदेश में हवाई यात्रियों की संख्या में 29.46 प्रतिशत की वृद्धि’

प्रदेश में बेहतर होती हवाई सेवाओं की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश में हवाई यात्रियों की संख्या 59.97 लाख थी, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 96.02 लाख हो गयी। विगत तीन वर्षों में प्रदेश में हवाई यात्रियों की संख्या में 29.46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। कार्यक्रम में, इंडिगो एयरलाइंस के स्पेशल डायरेक्टर आरके सिंह ने अयोध्या-अहमदाबाद के बीच शुरू नई फ्लाइट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दोनों ओर से फ्लाइट सप्ताह में तीन दिन उपलब्ध होगी।

‘अयोध्या हवाई अड्डे पर 22 जनवरी को 100 चार्टर्ड उड़ानें उतरने की उम्मीद’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन अयोध्या हवाई अड्डे पर 100 चार्टर्ड उड़ानों के उतरने की उम्मीद है। आदित्यनाथ ने कहा कि 22 जनवरी को करीब 100 चार्टर्ड उड़ानों के अयोध्या हवाई अड्डे पर उतरने का अनुमान है। अयोध्या से अहमदाबाद के लिए एयरलाइन इंडिगो की उड़ान सेवा के उद्घाटन के लिए ऑनलाइन आयोजित समारोह में उन्होंने यह बात कही। कार्यक्रम में आदित्यनाथ ने लखनऊ से और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राष्ट्रीय राजधानी से ऑनलाइन हिस्सा लिया।

जिस तरह हिंदुओं के प्रमुख आस्था का केंद्र श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या है। ठीक उसी तरह से चित्रकूट का भी खास महत्व है। अगर श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया है तो चित्रकूट में वनवास के दौरान साढ़े 11 साल व्यतीत किए हैं। इसे उनकी तपोभूमि माना जाता है। इस तरह भगवान राम का बांदा और चित्रकूट से गहरा नाता है। अब सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद 22 जनवरी को बनाए जा रहे मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। ऐसे में धर्म नगरी चित्रकूट के 56 संत महंतों को आमंत्रित किया गया है। इससे उनमें उत्साह नजर आ रहा है। जिन साधु संतों को आमंत्रित किया गया है, उनमें मठ मंदिर और अखाड़ा के संत महात्मा शामिल हैं।

अयोध्या में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के 4 हजार से अधिक साधु-संतों को बुलाया गया है। वो इस समारोह के साक्षी बनेंगे। इनमें श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के 56 संत महात्मा शामिल हैं। आमंत्रण सूची में जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य का नाम शीर्ष पर है। इनके अलावा 56 संत महात्मा भी इस सूची में शामिल है, जो 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण में शामिल होने के लिए अति उत्साहित हैं।

ऐतिहासिक क्षण में सम्मलित होने का गौरव

मदन गोपाल दास महाराज, महंत दिव्य जीवन दास का कहना है कि प्रभु श्रीराम के विग्रह प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता मिलने के बाद वह खुद को धन्य और सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। अयोध्या जाने की तैयारियां भी शुरू कर दी है। सैकड़ों वर्षाें की प्रतीक्षा और संघर्षाें के बाद प्रभु श्रीराम अपने वास्तविक गर्भगृह में विराजमान होने जा रहे हैं। उन्हें इस ऐतिहासिक क्षण में सम्मलित होने का गौरव प्राप्त हुआ है।

ट्रस्ट को सौंपा गया 500 किलो का विशाल नगाड़ा
गुजरात से विशेष रथ से 500 किलोग्राम का विशाल नगाड़ा अयोध्या लाकर उसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा गया है। लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, गुजरात से विशेष रथ से 500 किलोग्राम का विशाल नगाड़ा बुधवार को अयोध्या लाया गया और इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा गया। बयान के मुताबिक, राय ने आश्वासन दिया है कि इस नगाड़े को उचित स्थान पर स्थापित किया जाएगा। गुजरात विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्र मंत्री अशोक रावल ने पत्र भेजकर नगाड़ा स्वीकार करने की सिफारिश की है। नगाड़ा लेकर अयोध्या आए चिराग पटेल ने बताया, इस पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई गई है।ढांचे में लोहे और तांबे की प्लेट का भी इस्तेमाल किया गया है। इसका निर्माण डबगर समाज के लोगों ने किया है।’’ उन्होंने बताया कि राम मंदिर में स्थापित करने के लिए हिंदू संस्कृति के प्रतीक इस विशाल नगाड़े का निर्माण कर्णावती महानगर के दरियापुर विस्तार में किया गया है।

 

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