23 जुलाई से पहले लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी पहुंचने का आदेश
पुणे : अपनी विवादित गतिविधियों से चर्चा में आयी परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर का महाराष्ट्र में चल रहा ‘प्रशिक्षण’ रद्द कर दिया गया है और उन्हें 23 जुलाई से पहले उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में वापस पहुंचने को कहा गया है।
पूजा खेड़कर फिलहाल महाराष्ट्र के वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलक्टर के पद पर हैं। राज्य में उन्हें उनके प्रशिक्षण कर्तव्यों से मुक्त कर दिया है। एलबीएसएनएए की ओर से मंगलवार को जारी एक पत्र में कहा गया कि पूजा दिलीप खेड़कर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोकने का फैसला हुआ है। साथ ही आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें तुरंत वापस बुलाया गया है। एलबीएसएनएए ने खेड़कर को 23 जुलाई से पहले अकादमी में वापस रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2023 बैच की अधिकारी पूजा खेड़कर (34) सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं।
जन्म तिथि में भी किया हेरफेर
पूजा खेड़कर के ‘फर्जीवाड़े’ में रोज चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। फर्जी मेडिकल और ओबीसी सर्टिफिकेट के बाद यह सामने आया है कि उन्होंने अपनी उम्र को लेकर भी हेराफेरी की है। इस हेरफेर को छिपाने के लिए उन्होंने फर्जी नाम का सहारा भी लिया। रिपोर्ट के अनुसार पूजा खेड़कर ने 2020 में सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीएटी) में अपनी जो जन्मतिथि लिखी, वह 2023 के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आवेदन फॉर्म में लिखी गयी उम्र से अलग थी। पूजा ने तीन साल के अंतराल में दोनों परीक्षाएं दीं मगर आवेदन में उम्र का अंतर एक साल ही रहा। उन्होंने 2020 के कैट में अपना नाम खेड़कर पूजा दिलीप राव बताया था जबकि यूपीएससी एग्जाम में नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेड़कर है।
मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच
पूजा खेड़कर (34) पर यह आरोप भी है कि 2007 में पुणे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के दौरान उन्होंने मेडिकल सर्टिफिकेट दिया था उसमें शारीरिक या मानसिक विकलांगता का उल्लेख नहीं था। पुणे में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने इसकी पुष्टि की है। उनके खिलाफ जांच चल रही है। आरोप है कि उन्होंने नौकरी के लिए फर्जी विकलांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट पेश किये थे। इसके अलावा उन पर पुणे में तैनाती के दौरान पद के दुरुपयोग करने का आरोप है। बताया जाता है कि पूजा ने पुणे में नौकरी जॉइन करने से पहले ऑफिस केबिन और गाड़ी के साथ आवास देने की मांग कर दी थी। इसके अलावा उन्होंने लेटरहेड बनाने को लेकर भी विवाद किया था। यह सारी मांगे उन्होंने जानबूझकर की थीजबकि उन्हें पता था कि परिवीक्षाधीन (प्रोबेशनरी) आईएएस को 24 महीने की ट्रेनिंग के दौरान ये सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। पुणे पुलिस खेड़कर की ओर से दिये गये मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच कर ही है।