कोलकाता : आरजी कर के मामले को सुलझाने के लिए सीबीआई की टीम हर टेक्निक का इस्तेमाल कर रही है। आखिर घटना वाली रात क्या हुआ था और उसके बाद क्या कुछ छिपाया गया, इन सब से पर्दा उठाने के लिए सीबीआई की टीम ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष समेत 6 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की कार्रवाई शुरू हुई। इसके लिए दिल्ली से सीएफएसएल की टीम को बुलाया गया है। इसके साथ ही आज यानी रविवार को इस मामले के मुख्य अभियुक्त संजय राय का जेल में जाकर पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा सकता है। मुख्य आरोपित से लेकर पूर्व प्रिसिंपल तक इस जांच के घेरे में हैं। मुख्य आरोपित संजय राय फिलहाल प्रेसिडेंसी जेल में बंद है।
इधर, जूनियर चिकित्सकों की शनिवार को लगातार 15वें दिन हड़ताल के कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। दूसरी तरफ लगातर हो रही भारी बािरश के बावजूद महानगर में रैिलयों और प्रदर्शन का दौर जारी है। हड़ताल कर रहे चिकित्सकों ने कहा कि जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसबीच कोलकाता परुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि आगामी 31 अगस्त तक आर जी कर अस्पताल के आस पास किसी तरह की रैली या धरना प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा।
ऐसे पता चलता है कि अभियुक्त झूठ बोल रहे हैं या सच
इधर संदीप घोष का कई दिनों की पूछताछ के बाद यह टेस्ट किया गया। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
उसकी धड़कनें तथा उसका हावभाव बता देता है कि व्यक्ति झूठ बोल रहा है या सच। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया वहीं घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार चिकित्सकों और एक नागरिक स्वयंसेवक समेत 6 अन्य का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ सीबीआई के कोलकाता स्थित कार्यालय में होना था। एक -एक कर सबका लाई डिटेक्टर से यह टेस्ट किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ जिनका होना है, उनमें प्रथम वर्ष के दो जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं, क्योंकि जांचकर्ताओं को अस्पताल के उस सेमिनार हॉल के अंदर कथित तौर पर उनकी उंगलियों के निशान मिले हैं, जहां पीड़िता का शव मिला था। उन्होंने बताया कि शनिवार को दिल्ली के केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से ‘पॉलीग्राफ’ विशेषज्ञों के एक दल ने यह टेस्ट किया।