कोलकाता : राज्य के मोटर ट्रेनिंग स्कूलों पर परिवहन विभाग द्वारा नकेल कसी जाने के लिये कई अहम कदम उठाये जायेंगे। इस बाबत हाल में कारीगरी भवन में एक बैठक हुई थी जिसकी अध्यक्षता परिवहन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. सौमित्र मोहन ने की। इसमें सभी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के मालिक अथवा प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस बैठक में मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को लेकर कई अहम निर्णय लिये गये हैं।
यूनिफॉर्म ड्राइविंग टेस्ट के लिये बनाना होगा मोड्यूल: परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार, बैठक में तय किया गया है कि एमटीएस (मोटर ट्रेनिंग स्कूलों) के ट्रेनिंग मोड्यूल को लेकर एसओपी परिवहन विभाग के वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जियो मैपिंग करनी होगी। एमटीएस के लाइसेंसिंग प्राधिकारियों को तुरंत ही एमटीएस मालिकों को यूजर क्रेडेंशियल प्रदान करना होगा। परिवहन विभाग के वेबसाइट से अनुमोदन मिलने के बाद यूनिफॉर्म ड्राइविंग टेस्ट मोड्यूल तैयार कर अपलोड करना होगा।
चालू होगा ग्रेडेशन सिस्टम : बैठक में कहा गया है कि गुणवत्ता बढ़ाने के लिये एमटीएस द्वारा ग्रेडेशन सिस्टम चालू होगा। समय-समय पर इंसपेक्शन के लिये एमटीएस के साथ जुड़े एमवीआई जिम्मेदार होंगे। विभाग के पेज पर सभी एमटीएस का ग्रेडेशन अथवा रैंकिंग अपलोड करनी होगी। निदेशालय इस तरह के ग्रेडेशन के लिये एक फॉर्मेट तय करेगा। ट्रेनिंग स्कूलों में फाइनल ड्राइविंग टेस्ट के लिये प्रश्नोत्तर प्रकार के यूनिफॉर्म कम्प्यूटर टेस्ट के लिये मानकीकृत मोड्यूल तैयार किया जायेगा। इसके द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रभावी शिक्षण सुनिश्चित करना उद्देश्य है।
फॉर्म-5 को किया जा सकता है सबके लिये अनिवार्य
बैठक में कहा गया है कि फिलहाल परिवहन कैटेगरी के वाहनों के लिये ही फॉर्म-5 आवश्यक है, लेकिन नॉन ट्रांसपोर्ट कैटेगरी के लिये यह वैकल्पिक है। ऐसे में यह सुझाव दिया गया कि प्रत्येक अभ्यर्थी को ड्राइविंग स्किल टेस्ट की स्क्रीनिंग प्रोसेस में जाना होगा। फॉर्म-5 काे सभी प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस होल्डरों के लिये अनिवार्य करने हेतु प्रस्ताव दिया जा सकता है। सभी प्राधिकृत मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को एक सर्टिफिकेट दिया जाता है जिसे फॉर्म-5 कहते हैं। इसके अलावा कहा गया कि फिलहाल मोटर ह्वीकल एक्ट में एमटीएस के मालिकाने के ट्रांसफर और पता बदलने का कोई नियम नहीं है। ऐसे में परिवहन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा इसे लेकर प्रस्ताव देने को कहा गया। परिवहन निदेशालय इसे लेकर प्रस्ताव देगा और परिवहन विभाग के अनुमोदन के बाद एक गाइडलाइन दी जायेगी। बताया गया कि मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के मालिकों को स्मार्ट कार्ड के रूप में लाइसेंस मिलेगा जिसका इस्तेमाल मालिक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में रोजाना के ट्रांजैक्शन हेतु पहचान के रूप में कर सकेंगे। यह एक फीस के एवज में दिया जायेगा जिस बारे में परिवहन निदेशालय प्रस्ताव देगा।