डायबिटीज अवेयरनेस वीकः गर्भावस्था में मधुमेह हो सकता है अधिक खतरनाक

नई दिल्ली : डायबिटीज का एक खतरनाक स्वरूप गर्भावस्था के दौरान सामने आता है। जहां अनियंत्रित शुगर न केवल प्रसव में अड़चन पैदा कर सकती है बल्कि मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा स्थितियां भी बना सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस दौरान भी शुगर के स्तर को लेकर सतर्क रहा जाए। डायबिटीज के बढ़ते खतरों को देखते हुए नवम्बर माह को डायबिटीज जागरूकता माह के रूप में घोषित किया गया है। इसी कड़ी में जानते हैं गर्भवती महिलाओं में इस बीमारी से क्या समस्याएं हो सकती हैं और किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
कई प्रकार से हो सकती है समस्या
गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज कई रूपों में साथ रह सकती है। इसमें टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के अलावा जेस्टेशनल डाइबिटीज भी एक बड़ी चुनौती के रूप में शामिल हो सकती है। जेस्टेशनल डायबिटीज अर्थात खासतौर पर गर्भावस्था के दौरान होने वाला रक्त शर्करा यानी शुगर का असन्तुलन। चूँकि गर्भावस्था अपने आप में शरीर में हार्मोनल उथल पुथल पैदा करती है। ऐसे में शरीर के लिए इससे तालमेल बैठाना आसान नहीं होता। खून में शकर का असन्तुलन इसमें जुड़कर और खराब स्थिति पैदा कर सकता है।
ये हो सकती हैं परेशानियां
गर्भावस्था के समय डायबिटीज़ का सामने आना या इसका पहले से शरीर मे मौजूद रहना, दोनों ही स्थितियों में यह मां और बच्चे दोनों की ज़िंदगी के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है। इसके कारण बच्चे में जन्मगत विकार की आशंका बढ़ने के साथ ही प्रसव के समय बच्चे की जान जाने, प्रसव प्रक्रिया में बाधा आने, गर्भपात होने, समय से पहले बच्चे का जन्म होने जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। शरीर और उसमें विकसित हो रहे बच्चे के लिए यह जरूरी हो जाता है कि डायबिटीज का स्तर नियंत्रण में रहे। यही कारण है कि डॉक्टर सामान्य और स्वस्थ गर्भवती महिलाओं के लिए भी रक्त में शकर की मात्रा को प्रथम ट्राइमेस्टर से ही जांचना शुरू कर देते हैं।
इस तरह रख सकते हैं ध्यान
डायबिटीज के ज्यादातर मामले शुरुआती स्तर पर नियंत्रित किये जाने से मुश्किलों को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। यदि आपको पहले से डायबिटीज है तो डॉक्टर से गर्भावस्था को लेकर पूरी जानकारी लें और बच्चा तब ही प्लान करें जब डायबिटीज पूरी तरह नियंत्रण में हो।
* यदि आप जेस्टेशनल डायबिटीज से बचना चाहती हैं तो गर्भावस्था की शुरुआत से ही अपने वजन, खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी को लेकर सजग रहें। यदि आपका वजन अधिक है तो गर्भावस्था की ओर कदम बढ़ाने से पहले वजन नियंत्रित कर लें।
* पूर्व में डायबिटीज या प्री डायबिटीज का शिकार होने वाली महिलाओं को दवाई की सही मात्रा का उपयोग करना, पूरे समय शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना और खान-पान, जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाने की जरूरत होती है।

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