
जस्टिस बागची ने कहा : ‘बहुत इंटेलिजेंट हैं ये पुलिस वाले’
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता :अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर सुनवायी के दौरान दुबराजपुर थाने का भी जिक्र आया। जस्टिस जयमाल्य बागची और जस्टिस अशोक कुमार गुप्त के डिविजन बेंच ने इस थाने के अफसरों पर फिकरा कसते हुए कहा कि बहुत इंटेलिजेंट है ये पुलिस वाले। यहां गौरतलब है कि दुबराजपुर थाने की पुलिस ने अनुब्रत मंडल को आईपीसी की धारा 307 के तहत गिरफ्तार किया था।
जस्टिस बागची ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 2021 में यह घटना घटी थी और 2022 में इसकी एफआईआर दर्ज करायी गई। अब यह पुलिस का ही कमाल था कि एक ही दिन में एफआईआर दर्ज करने के बाद गवाहों के बयान ले लिए गए, जांच भी पूरी हो गई और कोर्ट में रिमांड प्रेयर दाखिल करने के बाद पुलिस ने अनुब्रत को अपनी हिरासत में भी ले लिया। जज ने सवाल किया कि क्या 307 के मामले में इसी तरह जांच की जाती है। जस्टिस बागची ने उस मजिस्ट्रेट पर भी हैरानी जताते हुए कहा कि रिमांड तो कतई नहीं दिया जाना चाहिए था। मजिस्ट्रेट को सवाल करना था कि एफआईआर दर्ज करने में देर क्यों हुई। सीबीआई के एडवोकेट डीपी सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई अनुब्रत को दिल्ली ले जाने से रोकने के लिए की गई थी। इस मौके पर एडवोकेट सिंह ने लालन शेख के मामले में सीबीआई के दो अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का सवाल भी उठाया। राज्य की तरफ से कहा गया कि सीबीआई परिसर में खुदकुशी की घटना घटी थी इसलिए ऐसा किया गया। इस पर जस्टिस बागची ने सवाल किया कि हाई कोर्ट में अगर कोई घटना घटती है तो क्या हाई कोर्ट के सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस पर एडवोकेट सिंह ने दखल देते हुए कहा कि यह अनुब्रत के प्रताप की एक मिशाल है।