5% से अधिक ड्रॉप आउट होने पर स्कूलों को नहीं किया जायेगा अपग्रेड

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य के सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने हेतु क्या नियम होंगे, इस संबंध में एक निर्देशिका पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गयी। इसमें कहा गया है कि अब 5% से अधिक ड्रॉप आउट होने पर स्कूलों को अपग्रेड नहीं किया जायेगा। निर्देशिका में कहा गया है कि स्कूलों को अपग्रेड करने हेतु डीआई के पास फॉर्म भरकर जमा करना होगा। डीआई यानी डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टरों द्वारा डीएलआईटी के साथ मिलकर उक्त स्कूल का निरीक्षण किया जायेगा और 25 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट डीएसई (​डायरेक्टोरेट ऑफ स्कूल एडुकेशन) में जमा की जायेगी। इसके बाद डीएसई द्वारा दस्तावेजों और डीएलआईटी पेपरों की जांच कर 7 दिनों में रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग को दी जायेगी। संबंधित विभागों द्वारा जांच के बाद सब ठीक होने पर अगले 7 दिनों के अंदर स्कूलों को अपग्रेड करने हेतु एनओसी दी जायेगी। यह एनओसी डब्ल्यूबीबीएसई (वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एडुकेशन) और डब्ल्यूबीसीएचएसई (वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एडुकेशन) को दी जायेगी। इसके बाद डब्ल्यूबीबीएसई द्वारा जूनियर हाई स्कूलों को हाई स्कूल और हाई स्कूलों को हायर सेकेंडरी स्कूलों में अपग्रेड करने हेतु अनुमति दी जायेगी।
यह होगा स्कूलों के अपग्रेडेशन का मापदण्ड
जूनियर हाई से हाई स्कूल : निर्देशिका के अनुसार, जूनियर हाई से हाई स्कूलों में अपग्रेडेशन के लिए प्रत्येक क्लास में कम से कम 40 स्टूडेंट्स होने चाहिये। स्कूलों में उचित बुनियादी ढांचा होना चाहिये। स्कूलों में लाइब्रेरी होनी चाहिये जिसमें कम से कम 500 पुस्तकें हों। प्रत्येक क्लास में ड्रॉप आउट दर 5% से अधिक ना हो। स्कूलों की मैनेजिंग कमेटी द्वारा फीस और एडमिशन प्रक्रिया की पूरी जानकारी जारी की जाये और स्कूलों में पर्याप्त संख्या में टीचर्स हो।
हाई से हायर सेकेंडरी स्कूल : 3 कि.मी. के रेडियस में समान मीडियम का कोई दूसरा हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं होना चाहिये। स्कूल के कुल स्टूडेंट्स की संख्या 500 से अधिक हो और 9वीं व 10वीं क्लास में कम से कम 140 स्टूडेंट्स हो। हायर सेकेंडरी स्ट्रीम में अगर स्कूल लैबोरेटरी आधारित विषय लाना चाहें तो उचित लैबोरेटरी रूम की व्यवस्था हो। स्कूल की लाइब्रेरी में कम से कम 750 पुस्तकें हो। गत 3 वर्षों में माध्यमिक परीक्षा का पास आउट प्रतिशत 50% से कम ना हो। कम से कम 40% टीचर्स के पास हायर क्वालिफिकेशन हो ताकि वे हायर सेकेंडरी एडुकेशन के स्टूडेंट्स को पढ़ा सके।
शिक्षक संगठन ने यह कहा
इस मुद्दे को लेकर बंगीय शिक्षक व शिक्षा कर्मी समिति के महासचिव स्वपन मण्डल ने कहा, ‘राज्य सरकार के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अन्य कार्यालयों में जिस प्रकार शिक्षा कर्मचारियों को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं, उनके कार्य भी निर्दिष्ट समय सीमा में होने चाहिये। ये कार्य करने के लिए स्थायी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए शून्य पदों पर स्थायी नियुक्ति होनी चाहिये।’

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