कोलकाता: अश्विन माह की शुरुआत हो चुकी है। इस साल अश्विन विघ्नराज संकष्टि चतुर्थी 13 सितंबर 2022 को है।
हर माह की तरह अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टि चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश की पूजा से बुद्धि में बढ़ोत्तरी होती है, जो इस दिन व्रत रख सच्चे मन से बप्पा की आराधना करते हैं गणपति जी उनके सारे विघ्न हर लेते हैं। अश्विन संकष्टि चतुर्थी पर इस बार बेहद शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं अश्विन संकष्टि चतुर्थी का मुहूर्त, योग और महत्व।
मुहूर्त
अश्विन कृष्ण संकष्टि चतुर्थी आरम्भ- 13 सितंबर 2022, सुबह 10 बजकर 37 मिनटअश्विन कृष्ण संकष्टि चतुर्थी समाप्त- 14 सितंबर 2022, सुबह 10 बजकर 25 मिनट
चंद्रोदय समय – रात 08 बजकर 35 मिनट (13 सिंतबर 2022) हिंदू पंचांग संकष्टि चतुर्थी चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। चंद्रदोय समय के अनुसार संकष्टि चतुर्थी व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा।
योग
विघ्नराज संकष्टि चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। इन दोनों योग में गणेश जी की पूजा का दो गुना फल मिलेगा।
महत्व
अश्विन माह में विघ्नराज संकष्टि चतुर्थी पर व्रत रखकर गणपति जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि का वास होता है। गणेश जी को शुभता का प्रतीक माना गया है, इनकी आराधना से शुभ कार्य सफल हो जाते है। चतुर्थी व्रत के प्रभाव से जातक की हर बाधा दूर हो जाती है, समस्त संकट टल जाते हैं। पितृ पक्ष में इस दिन चतुर्थी तिथि का श्राद्ध भी किया जाता है।