
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से नया नियम लागू होने के बाद नकली नोट के चलन से बाहर होने की उम्मीद की जा रही है। उम्मीद है कि आने वाले समय में इससे पूरी तरह छुटकारा मिल जाएगा। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि सिक्का निकालने वाली मशीन में नकली नोट डाले जाने के मामलों को देखते हुए यूपीआई बेस्ड ऑप्शन को अपनाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि समस्या यह थी कि इन मशीनों में जो रुपये डाले जा रहे थे, कई मामलों में नकली पाये गये। इसलिए यह मुद्दा बन गया था।’
नई व्यवस्था में सिक्कों के वितरण में सुधार होगा
शंकर ने कहा इसी को देखते हुए आरबीआई ने दूसरे विकल्प पर विचार शुरू किया। काफी लोग मोबाइल यूज करते हैं, उसके जरिये क्यूआर कोड ‘स्कैन’ किया जा सकता है, जो यूपीआई से जुड़ा हो सकता है। इसके माध्यम से भौतिक रूप से रुपये का उपयोग किये बिना वेंडिंग मशीन से सिक्के निकाले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मशीन देश में विकसित की गई हैं। इस नई व्यवस्था में सिक्कों के वितरण में सुधार होगा। इससे पहले, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ‘क्यूआर’ कोड बेस्ड ‘कॉइन वेंडिंग मशीन’ (क्यूसीवीएम) को लेकर पायलट परियोजना शुरू की। आरबीआई 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित सिक्का निकालने की मशीन को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा। ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का उपयोग करके बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएंगी। फिलहाल उपलब्ध मशीनों में बैंक नोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं।