
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य विधानसभा में बजट सत्र में रहने की दलील भी काम नहीं आयी। आईएसएफ के विधायक नौशाद सिद्दिकी की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी गयी। नौशाद के एडवोकेट ने बैंकशाल अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल विधायक हैं। ऐसे में बजट सत्र में उनका रहना काफी आवश्यक है। कम से कम उनके विधानसभा के लोगों की बात समझते हुए उन्हें जमानत दी जानी चाहिये। हालांकि सरकारी एडवोकेट ने जमानत का विरोध जताया। गत 1 फरवरी को ही नौशाद की पेशी बैंकशाल कोर्ट में की गयी थी जहां उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें 15 फरवरी तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया था। इस बीच, बुधवार को अदालत में नौशाद के अंतरिम जमानत की अपील उनके एडवोकेट राजा सेनगुप्ता ने की। हालांकि अदालत ने याचिका खारिज करते हुए 15 फरवरी तक जेल हिरासत के निर्देश को कायम रखा है। इधर, अदालत में एडवोकेट राजा सेनगुप्ता ने कहा, ‘जिसकी जमानत की अपील कर रहा हूं, उनके सामाजिक स्थिति के बारे में भी विचार किया जाना चाहिये। वह एक निर्वाचित विधायक हैं और अपने इलाके के लोगों के लिए उनका बजट सत्र में रहना जरूरी है।’ पुलिस पर ईंट से हमले की तस्वीरें अदालत में देते हुए नौशाद के एडवोकेट ने कहा, ‘हेलमेट पहनकर पुलिस ने ही ईंट चलायी थी, लाठीचार्ज किया था।’ इधर, जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकारी एडवोकेट ने कहा, ‘पुलिस को लगने पर किसी तरह की भीड़ को अवैध घोषित कर सकती है। पुलिस ने नियमों को मानते हुए ही काम किया है। जो कानून बनाते हैं, वे कैसे कानून तोड़ सकते हैं?’ दोनों पक्षों में बहसबाजी के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।