
अब घर बैठे ही जमा लिया जाए लाइफ सर्टिफिकेट
बैंकों के समक्ष राज्य सरकार ने रखा प्रस्ताव
सन्मार्ग संवाददाता
काेलकाता : वरिष्ठ नागरिकों को अब हर साल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं हो, इस ओर राज्य सरकार पहल करने जा रही है। बैंक कर्मी ही घर जाकर यह पता लगायेंगे कि पेंशनधारी जीवित है या नहीं। बैंकिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों की बैठक में राज्य सरकार ने पेंशनधारियों के हित में यह प्रस्ताव रखा है। इस ओर राज्य सरकार केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के अधिकारियों से ऐसी मांग करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वित्त सलाहकार अमित मित्रा ने विभिन्न बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक की है। उस बैठक में वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी मौजूद थीं। बैठक के बाद अमित मित्रा ने कहा केवाईसी को लेकर कई शिकायतें आई हैं। केवाईसी को लेकर आम लोगों को इस तरह परेशान नहीं किया जा सकता है। वहीं पेंशन के लिए लाइफ सर्टिफिकेट हर साल देना होता है। बुजुर्ग बैंक कैसे जा सकते हैं? उनकी समस्याओं को समझना होगा। इसलिए हमलोगों ने बैंक से डोर स्टेप बैंकिंग की मांग की है। अमित मित्रा ने सवाल उठाया कि बैंक के प्रतिनिधि वरिष्ठ ग्राहकों के घर जाकर जानकारी क्यों नहीं संग्रह करते हैं। उनलोगों ने बैंक प्रतिनिधियाें से अनुरोध किया है कि इस विषय पर निर्दिष्ट व्यवस्था करें। अगर इस ओर फैसला लिया जाता है तो यह बड़ा कदम होगा। अन्य राज्य भी इस फैसले का स्वागत करेंगे।
हर साल जमा करना होता है लाइफ सर्टिफिकेट
दरअसल पेंशनधारियों को नवंबर में बैंक में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। वृद्धावस्था में पेंशनभोगियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि कई बुजुर्ग पेंशनभोगी इतने बीमार होते हैं कि उन्हें चलकर जाने में कई समस्याएं भी होती हैं।
बैंक कर्मचारी बीमार पेंशनभोगी के घर जाते हैं
एक बैंक कर्मी ने बताया कि इमरजेंसी मामलों में बैंक कर्मचारी बीमार पेंशनभोगी के घर जाते हैं। कई पेंशनभोगियों ने कोरोना की स्थिति में बिना बैंक गये वीडियो कॉलिंग के जरिए यह साबित कर दिया है कि वे जिंदा हैं।
डीए काे लेकर नहीं की टिप्पणी
इस दिन डीए को लेकर किसी तरह का मंतव्य अमित मित्रा तथा चंद्रिमा भट्टाचार्य ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है इसलिए वे इस विषय पर कुछ टिप्पणी नहीं करेंगे।