पीआईएल : केंद्र सरकार की 2.29 करोड़ की रकम का हिसाब नहीं
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : केंद्र सरकार की तरफ से राज्य सरकार को करोड़ों की रकम दी जाती है और इसमें से दो लाख 29 हजार करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिल रहा है। यह आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज के डिविजन बेंच में एक पीआईएल दायर की गई है। डिविजन बेंच ने मंगलवार को पीआईएल की सुनवायी करने के बाद आदेश दिया कि इसमेें सीएजी (कंपट्रोलर एंड अडिटर जनरल) और वित्त सचिव को पार्टी बनाया जाए।
भाजपा नेता जगन्नाथ चटोपाध्याय, एडवोकेट सुमन शंकर चट्टोपाध्याय और शृत्विक पाल ने यह पीआईएल दायर की है। यहां गौरतलब है कि सीबीआई जांच की अपील करते हुए पीआईएल तो दायर होती ही रहती हैं पर पहली बार नवान्न के खिलाफ पीआईएल दायर की गई है। डिविजन बेंच ने अगले मंगलवार को इस पीआईएल की सुनवायी किए जाने का आदेश दिया है। यह पीआईएल सीएजी की 2021 में 31 मार्च को दी गई रिपोर्ट के आधार पर दायर की गई है। इस पीआईएल में सबसे ज्यादा गंभीर आरोप नगर विकास विभाग पर लगाया गया है। पालिका एवं नगरविकास विभाग पर करीब 30 हजार करोड़ रुपए का हिसाब नहीं देने का आरोप लगाया गया है। अन्य महकमों में पंचायत विभाग और शिक्षा विभाग भी शामिल हैं। इस पीआईएल में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से जो रकम भेजी गई है वह किस खाते में खर्च की गई है इसका कोई दस्तावेज नहीं है। डिविजन बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि यह पीआईएल सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर दायर की गई है इसलिए उसे भी पार्टी बनाया जाए।
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