कोलकाता: हर दिन की अपनी महिमा होती है और यह विशेष देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं। मान्यता है कि यदि आप रोजाना किसी देवी-देवता की आराधना नहीं कर सकते हैं तो दिन विशेष पर पूजा-अर्चना करने मात्र से ही मन्नतें पूरी हो जाती हैं।
बृहस्पतिवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठें और नित्यकर्म से निवृत्त होकर पीले रंग के वस्त्र पहनें। इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। इसके बाद पूजा घर में श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। फिर पीले रंग के गंध-पुष्प और अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद चना-गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर विधि- विधान से पूजन शुरू करें। इसके बाद धर्मशास्तार्थतत्वज्ञ ज्ञानविज्ञानपारग। विविधार्तिहराचिन्त्य देवाचार्य नमोऽस्तु ते॥ मंत्र का जप करें। इसके बाद व्रत की कथा पढ़ें। कथा पढ़ने के बाद केले के पेड़ में जल चढ़ाएं।