लखनऊ/गोंडा/नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही ‘चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस’ के 8 डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गये। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गयी तथा 20 अन्य घायल हो गये। ट्रेन के लोकोपायलट ने दावा किया कि उन्होंने हादसे से पहले तेज धमाके की आवाज सुनी थी। इस बीच, रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता, जांच से वास्तविकता पता चलेगी।
ट्रेन गोंडा से चलने के 10 मिनट बाद ही दोपहर 2:35 बजे हादसे का शिकार हो गयी। ट्रेन के पटरी से उतरे 8 डिब्बों में 5 डिब्बे पलट गये। एक डिब्बा काफी दूर जाकर पलटा। एसी कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
मुआवजा : मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5-2.5 लाख और अन्य घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जायेगा।
हेल्पलाइन नम्बर जारी : बचाव दल द्वारा मृतकों और घायलों को निकाला जा चुका है। हेल्पलाइन नम्बर 8957400965 (लखनऊ), 8957409292 (गोंडा) और 05512209169 (गोरखपुर) जारी किये गये हैं। हादसे के कारण 10 ट्रेनों का रूट बदला गया।
कटिहार-अमृतसर एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, जम्मूतवी-अमरनाथ एक्सप्रेस और गुवाहाटी-श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस सहित 10 रेलगाड़ियों को मार्ग बदलकर संचालित किया जा रहा है।
सर्तकता आदेश न होना व ट्रैक में त्रुटि भी हो सकती है वजह
रेलवे दस्तावेज के अनुसार गोंडा-मनकापुर सेक्शन पर रेलवे ट्रैक ठीक करने के लिए गत 17 जुलाई को सतर्कता आदेश जारी किया गया था। इसमें यात्री ट्रेनों को 20 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया गया। रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग रेलवे ट्रैक को बदलने-मरम्मत करने के लिए उक्त आदेश जारी करते हैं। गुरुवार को किसी प्रकार की सर्तकता आदेश नहीं होने के कारण यह ट्रेन एक्सप्रेस अपनी अधिकतम रफ्तार पर दौड़ते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। कारण ट्रैक में त्रुटि भी हो सकती है।