नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। बुधवार को मोदी कैबिनेट ने इस रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए इसे स्वीकृति प्रदान की, जिससे देश में एक साथ चुनाव कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि इस कार्यकाल के दौरान यह चुनाव सुधार लागू किया जाएगा। रामनाथ कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि समिति की सिफारिशों पर देशभर में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी। इसमें युवाओं, व्यवसायियों, पत्रकारों और अन्य संगठनों से भी बातचीत की जाएगी। इसके बाद इसे लागू करने के लिए एक कार्य समूह बनाया जाएगा, और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर इसे लागू किया जाएगा।
समिति की मुख्य सिफारिशें
- पहला चरण: लोकसभा चुनाव के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएं।
- दूसरा चरण: लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ स्थानीय निकाय चुनाव भी एक साथ हों।
- मतदाता सूची: पूरे देश में सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची हो।
- वोटर आईडी: सभी मतदाताओं के लिए एक समान वोटर आईडी होना चाहिए।
हालांकि, ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर कुछ राजनीतिक दल सहमत नहीं हैं। लेकिन मौजूदा सरकार इसे अपने एजेंडे में शामिल किए हुए है। हाल के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस विषय पर चर्चा की थी और इसकी महत्वता को उजागर किया था। इस प्रकार, ‘एक देश, एक चुनाव’ के कार्यान्वयन से भारतीय लोकतंत्र की चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।