Sanmarg Exclusive: कोलकाता के व्यापारियों को 400 करोड़ का झटका – जानिए इस नुकसान की चौंकाने वाली वजह! | Sanmarg

Sanmarg Exclusive: कोलकाता के व्यापारियों को 400 करोड़ का झटका – जानिए इस नुकसान की चौंकाने वाली वजह!

कोलकाता : दुर्गा पूजा के मौसम में कभी रैली तोे कभी प्रदर्शन और कभी नवान्न अभियान जैसे कार्यक्रमों के कारण व्यापारियों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। गत मंगलवार को नवान्न अभियान और बुधवार को भाजपा के बंगाल बंद के कारण लगभग 400 करोड़ रुपये का नुकसान व्यापारियों काे हुआ है। एशिया के सबसे बड़े रिटेल मार्केट बड़ाबाजार में पिछले दो दिनों से दुकानें बंद रहने के कारण तकरीबन 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। विशेषकर दुर्गा पूजा के मौसम में बंद के कारण व्यापारी काफी परेशान हो रहे हैं। बड़ाबाजार में गत मंगलवार को सुबह से ही दुकानें बंद थीं। वहीं बुधवार को भाजपा की ओर से 12 घंटे बंगाल बंद का आह्वान किया गया था जिस कारण बुधवार को भी यहां लगभग सभी दुकानें बंद रहीं।

कोलकाता में हो रहा अधिक नुकसान : नवान्न अभियान के बाद बंगाल बंद के कारण कोलकाता में सबसे अधिक नुकसान व्यापारियों को हुआ क्योंकि कोलकाता ही सभी तरह के कार्यक्रमों, जुलूसों, रैलियों व प्रदर्शनों का केंद्र है। कोलकाता में बड़ाबाजार के अलावा चांदनी मार्केट, एसप्लानेड, बेंटिक स्ट्रीट, गरियाहाट, हातीबागान जैसे स्थलों पर ग्राहकों की संख्या काफी कम देखी गयी। बड़ाबाजार अपने कटरों के लिए प्रसिद्ध है ​जहां 50 से अधिक कटरे हैं। इस दिन सोनापट्टी के अलावा सत्यनारायण पार्क, कॉटन स्ट्रीट, एमजी रोड में दुकानें बंद रही। सत्यनारायण पार्क में जहां डाला के कारण लोगों के चलने की जगह भी नहीं रहती है, वहां इस दिन डाला वगैरह भी बंद थे। रवींद्र सरणी में भी एक-दो खाने-पीने की दुकानों के अलावा सभी दुकानें बंद रहीं। आड़ी बांसतल्ला, बड़तल्ला स्ट्रीट, राजाकटरा समेत बड़ाबाजार के अन्य इलाकों में भी दुकानें बंद थीं।

बंद से किसी को लाभ नहीं, केवल नुकसान : बड़ाबाजार के ब व्यवसायी हरिवंश शर्मा ने कहा, ‘व्यवसायी के लिए यह नुकसान ही है। बंद से किसी को कोई लाभ नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है और कोर्ट का आदेश आ गया है कि जांच की जाए। दुकानदारों का व्यवसाय खराब हो रहा है। दुकानें बंद रहने पर दिहाड़ी मजदूरों को उनका दैनिक वेतन भी नहीं मिल पाता है। राजनीतिक पार्टियों को यह समझना होगा। बंद मत बुलाइये, आंदोलन कीजिये, लेकिन व्यवसाय बंद करने पर धीरे-धीरे सब व्यवसाय खत्म हो जाएगा। बड़ाबाजार में लोग छुट्टी के मूड में चले जाते हैं और बहाना बना देते हैं कि हिंसा हो।’ एक और दुकानदार दशरथ कुमार ने कहा, ‘हमारे खाने-पीने की मुसीबत हो जाती है। मेरी दुकान खुली हुई थी, कोई समस्या नहीं हुई। मंगलवार की शाम जुलूस निकालकर कहा गया था कि दुकानें बंद रखी जाएं।’ मिठाई विक्रेता हुकूम त्रिवेदी ने कहा, ‘राजनीतिक पार्टियों का यह काम ही हैै। कोई कहता है बंद करो तो कोई कहता है खोलो। हालांकि बंद से कोई हल नहीं निकल रहा। दुकानदारों को और परेशानी हो रही है। हमें तो अपनी रोजी-रोटी के बारे में सोचना है। मंगलवार को भी दुकानें पूरी तरह बंद थीं।’

रोजाना व्यवसाय पर पड़ रहा भारी असर : सुशील पोद्दार : कनफेडरेशन ऑफ वेस्ट बंगाल ट्रेडर्स एसो​सिएशन (सीडब्ल्यूबीटीए) के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा, ‘मंगलवार को भी बड़ाबाजार में दुकानें बंद थीं। राज्य भर में भी व्यवसायियों को काफी नुकसान हुआ। केवल दो दिनों में ही बड़ाबाजार में लगभग 100 करोड़ और कोलकाता में कम से कम 200 से 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ’

कपड़ा व्यवसाय को 50 करोड़ का नुकसान : महेंद्र जैन

कोट्टी (चेम्बर ऑफ टेक्सटाइल, ट्रेड एण्ड इण्डस्ट्री) के सचिव महेंद्र जैन ने बताया, ‘दाे दिनों से दुकानें बंद रहने के कारण केवल रिटेल मार्केट में कपड़ा व्यवसाय को लगभग 50 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। मंगलवार को व्यवसाय पर अधिक प्रभाव पड़ा था। इस तरह चलने पर दुर्गा पूजा की मार्केटिंग पर भी असर पड़ेगा।’

व्यापारी वर्ग केवल मरने के लिए : रमाकांत देवड़ा

सदासुख कटरा के रमाकांत देवड़ा ने कहा, ‘व्यापारी वर्ग केवल मरने के लिए है। यह डर का बंद है। दुकानें खोलो तो तकलीफ और ना खोलो तो तकलीफ। सदासुख कटरा में लगभग 400 दुकानें हैं। दुर्गापूजा में अब एक महीना ही रह गया है, लेकिन इस तरह बंद के कारण काफी नुकसान हो रहा है।’

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