रोजाना वर्कआउट और व्यायाम करके आप भी अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं | Sanmarg

रोजाना वर्कआउट और व्यायाम करके आप भी अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं

कोलकाता : आज का कार्पोरेट कल्चर कर्मचारियों को लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करने को कहता है। परिणामत: कई बीमारियां जैसे लोअर बैक पेन, डायबिटीज, हृदय रोग, आंखों की कई बीमारियां, पैरों में दर्द, हाथों में दर्द, गर्दन का दर्द आदि घेर लेती हैं। अगर हम कार्यस्थल पर बैठे-बैठे काम करते हैं तो हम 10 मिनट का वर्कआउट कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं।

रखें ध्यान

● प्रयास कर डेस्कटॉप पर काम करें ताकि आप टेबल चेयर पर बैठकर काम करें। चेयर पर बैठकर काम करने से आपके शरीर का पॉश्चर बेहतर रहता है। लैपटॉप पर काम करने के लिए कोई फिक्स्ड स्थान न होने के कारण हम कभी फर्श पर, कभी बिस्तर पर बैठकर काम करने लगते हैं जिसके कारण पॉश्चर ठीक न होने से हम कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं विशेषकर कमर दर्द और स्पांडिलाइटिस।

● कम्प्यूटर और कुर्सी की पोजीशन ऐसी हो कि स्क्रीन पर आसानी से देखा जा सके, स्क्रीन पर देखने के लिए जबरन झुकना या ऊपर गर्दन उठाकर न देखना पड़े।

● माउस को की-बोर्ड के पास की बोर्ड ट्रे में रखें ताकि कुहनी का लेवल की बोर्ड से हल्का सा नीचे हो।

● टाइप करते समय कुहनी को पूरा सपोर्ट मिलना चाहिए इस बात का ध्यान रखें।

● मॉनीटर को टेबल की पिछली तरफ रखें और कुर्सी टेबल के पास रखें यही ठीक होता है।

वर्कआउट जो आप कर सकते हैं

● कुर्सी मेज पर काम करते समय हर दो घंटे बाद चाहें तो बैठे-बैठे थोड़ी एक्सरसाइज करें या खड़े होकर करें ताकि शरीर का ब्लड सर्कुलेशन ठीक चलता रहे।

● बैठे-बैठे पंजों और एड़ियों को चलाएं, गोलाई में और आगे पीछे। पैरों की उंगलियों को स्ट्रेच करें।

● कॉफ मसल्स को स्ट्रेच करें। ऐसा करने से जब हम चलते हैं तो ये ब्लड को ऊपर की ओर पंप करती हैं।

● दोनों हाथों को उठाकर कंधों पर रखें और कुहनियों को क्लाक वाइज एंटी क्लाॅकवाइज चलाएं। इससे बाजुओं की मांसपेशियों लचीली बनती हैं।

● मुट्ठी बंद कर गोल गोल घुमाएं, हाथों की उंगलियों को स्ट्रेच करें, हाथों को ऊपर नीचे करें।

● दोनों हाथों की उंगलियों को क्रॉस कर पीछे कमर के निचले हिस्से तक ले जाएं, रिलेक्स करें। दोनों हिप पर दोनों हथेलियां रखें और कंधे से गर्दन को झुकाते हुए थोड़ा नीचे जाएं। इसी प्रकार कमर पर दोनों हाथों को रखकर पीछे की कंधों से खींचें।

● आंखों को गोलाई में (क्लॉक वाइज-एंटी क्लाॅकवाइज) घुमाएं, आराम करें। आंखों को ऊपर छत की ओर, नीचे फर्श की ओर पूरी स्ट्रेच कर देखें। आंखों को झपकाएं, बंद करें, हथेलियों से आंखों को गर्मी दें। आंखें रिलैक्स होंगी। ठंडे पानी से आंखें दो तीन बार धोएं।

● इसी प्रकार गर्दन की एक्सरसाइज करें, गर्दन को गोल-गोल बहुत आराम से घुमाएं, गर्दन मोड़कर दाएं कंधे पर कान लगाने का प्रयास करें। इसी प्रकार बाई तरफ से, गर्दन को धीरे धीरे दाएं पहले ले जाएं। फिर बाएं, गर्दन को कंधे पर टिकाएं, फिर आगे की ओर। बहुत आराम से करें। गर्दन बहुत नाजुक होती है।

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