कैसे खुलता है गाड़ी का एयरबैग, यहां जानिए पूरा प्रोसेस?

मुंबईः टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को सड़क हादसे में मौत हो गई। उनकी लग्जरी कार मर्सिडिज बेंज जीएलसी 220D डिवाइडर से टकरा गई, जिसमें मिस्त्री (54) और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। आपको यह भी बता दें कि उनकी मर्सिडीज गाड़ी में 7 एयरबैग्स मौजूद है। गाड़ी में कुल 4 लोग मौजूद थे, जिसमें से दो जीवित हैं, जबकि दो की मौत हो गई। इसकी वजह एयरबैग्स ही हैं। शुरुआती जांच में पता लगा है कि वह पीछे की सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। आपकी गाड़ी में दिए गए एयरबैग्स आपकी जान बचा भी सकते हैं, लेकिन अगर आपने सही रूल्स को फॉलो नहीं किया तो गाड़ी में चाहे कितने ही एयरबैग्स क्यों न हो, आपकी जान जा सकती है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गाड़ी में दिए गए एयरबैग्स किस तरह काम करते हैं, और किस गलती की वजह से आपकी जान जा सकती है?

क्या होता है एयरबैग
एयरबैग गाड़ी का एक सेफ्टी सिस्टम होता है। इस सिस्टम में एयरबैग कुशन, फ्लैक्सिबल फेब्रिक, इनफ्लेशन मॉड्यूल और एक सेंसर शामिल होता है। एक बैग को इस तरह डिजाइन किया गया है कि एक्सीडेंट की स्थिति यह बहुत तेजी फुलकर हमारे आगे खुल जाए। एयरबैग का उद्देश्य टक्कर के दौरान वाहन में सवार व्यक्ति को कुशनिंग और सही लैंडिग देना है। यह तेजी से टकरा रहे पैसेंजर को गंभीर चोट से बचा सकता है। फिलहाल भारत में 2 एयरबैग्स देना अनिवार्य है, लेकिन कुछ गाड़ियों में 10 एयरबैग्स तक मिल जाते हैं। आमतौर पर एयरबैग्स ड्राइवर, पैसेंजर, साइड कर्टेन, घुटनों पर, बी पिलर और सी पिलर पर देखने को मिलते हैं।

ऐसे काम करता है एयरबैग सिस्टम
जब एक्सीडेंट होता है, तो गाड़ी के क्रैश सेंसर एयरबैग ईसीयू को जानकारी देते हैं कि टक्कर कितनी जोरदार है और किस तरफ से हुई है, आदि। इस इनफॉर्मेशन के आधार पर एयरबैग का क्रैश एल्गोरिथम यह तय करता है कि क्या टक्कर ऐसी है कि एयरबैग्स खुलने चाहिए या नहीं। टक्कर जोरदार होने की स्थिति में एयरबैग को खुलने का संकेत भेजा जाता है।

एयरबैग में सोडियम अजाइड गैस भरी होती है जो कि रासायनिक प्रक्रिया करके नाइट्रोजन गैस पैदा करती है, जिससे एयरबैग तुरंत फूल जाता है। एयरबैग एक सेकंड से भी कम समय में 320kmph की रफ्तार से खुलता है। हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस दौरान आपने सीट बेल्ट जरूर पहनी हो। दरअसल सीट बेल्ट आपको ठीक जगह पर लैंड करने में सहायता करता है। अगर सीट बेल्ट नहीं होगी तो हो सकता है एयरबैग कहीं और खुल रहा हो और आप कहीं दूसरी जगह जाकर टकरा जाएं।

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