वडोदरा: गुजरात के एक शख्स को क्या पता था कि उसकी बचपन की नहाते हुए फोटो उसका सुख-चैन छीन लेगी> दरअसल, उसने यह फोटो गूगल ड्राइव पर अपलोड की थी, लेकिन गूगल ने इसे अपनी पॉलिसी का उल्लंघन माना। जिस फोटो पर बवाल मचा है उसमें शख्स दो साल का था और नहाते समय नग्न अवस्था में था। गूगल ने इस फोटो को चाइल्ड सेक्शुअल एब्यूज माना और उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया। इस शख्स ने अपना गूगल अकाउंट दोबारा चालू कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
न्यूडिटी को कंट्रोल करने के लिए टेक कंपनियों पर रेगुलेटर्स का तगड़ा दबाव है। इसलिए टेक कंपनियां भी अपने प्लेटफॉर्म को न्यूड कंटेंट से बचाने के लिए सख्त कदम उठा रही हैं। चाइल्ड सेक्शुएलिटी से संबंधित कंटेंट पर तो और भी ज्यादा सख्ती है। गूगल की कार्रवाई को भी इसी नजरिए से देखा जा सकता है।
क्या था मामला?
पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर नील शुक्ला को गूगल की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। उन्होंने पिछले साल अपने बचपन की फोटो गूगल ड्राइव पर अपलोड की थी। इसमें उनकी उम्र दो साल थी और उनकी दादी उन्हें नहला रही थी। पॉलिसी उल्लंघन को लेकर नील शुक्ला का गूगल अकाउंट ब्लॉक हो गया है।
पिछले साल अप्रैल में अकाउंट ब्लॉक होने के बाद नील ने गूगल के अकाउंट बहाल करने की अपील की। उन्होंने ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम के तहत ऐसा किया, लेकिन कंपनी से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 12 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिका में नील ने कहा कि बचपन की फोटो को गूगल ने चाइल्ड एब्यूज माना है, और सब चीजें ब्लॉक कर दी गई हैं। वो अपना जीमेल अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह से उनको बिजनेस में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नहीं मिली मदद तो आना पड़ा कोर्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकाउंट बहाल कराने के लिए नील गुजरात पुलिस के पास गए। उन्होंने केंद्र सरकार के साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट से भी मदद मांगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। ऐसे में उन्हें कोर्ट की शरण में आना पड़ा। याचिकाकर्ता ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की क्योंकि गूगल ने उनके पास एक नोटिस भेजा है। इस नोटिस में गूगल ने कहा कि अकाउंट चालू ना रहने की वजह से इस साल अप्रैल में गूगल से जुड़ा उनका सारा डेटा डिलीट हो जाएगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। जस्टिस वैभवी डी नानावटी ने 15 मार्च को गूगल, केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है जिसका जवाब 26 मार्च 2024 तक देना है।