पतंजलि ‘भ्रामक विज्ञापन’ मामले में बाबा रामदेव को बड़ी राहत | Sanmarg

पतंजलि ‘भ्रामक विज्ञापन’ मामले में बाबा रामदेव को बड़ी राहत

मुंबई : पतंजलि आयुर्वेद और योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अदालत की अवमानना ​​का केस बंद कर दिया है। कोर्ट ने दोनों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ भी करते हैं, जैसा कि पहले हुआ था, तो कोर्ट कड़ी सजा देगा। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने मंगलवार (13 अगस्त) को फैसला सुनाया। 14 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना ​​नोटिस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी की बदनामी का आरोप लगाया गया था।
क्या है पूरा मामला
अवमानना ​​का मामला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर 17 अगस्त 2022 को शुरू हुआ था। यह पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ थी। पतंजलि ने एलोपैथी को बेअसर बताते हुए कुछ बीमारियों के इलाज का दावा किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाइयों और फटकार के बाद पतंजलि ने नवंबर 2023 में आश्वासन दिया था कि वह ऐसे विज्ञापनों से दूर रहेगा। फरवरी 2024 में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन जारी रहने के बाद कोर्ट ने कंपनी और उसके एमडी को अवमानना ​​नोटिस जारी किया। मार्च 2024 में अवमानना ​​नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने पतंजलि के एमडी बालकृष्ण और बाबा रामदेव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। अप्रैल 2024 में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए और एलोपैथिक दवाओं पर टिप्पणी करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी।

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