बेटी से वीडियो कॉल पर बात नहीं करने दिया तो जीवन कृष्ण ने फेंका था मोबाइल

विधायक जीवन कृष्ण के वकील ने अदालत को कहा
25 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में भेजे गए विधायक जीवन कृष्ण
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एसएससी नियुक्त‌ि घोटाले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार तृणमूल विधायक जीवन कृष्णा साहा को शुक्रवार को दोबारा अलीपुर कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया। अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने जीवन कृष्ण को सीबीआई हिरासत में भेजे जाने की अपील की। जानकारी के अनुसार विधायक जीवन कृष्ण साहा के घर पर सीबीआई ने छापामारी की तो वहां पर नाटकीय दृश्य देखने को मिला था। विधायक जीवन कृष्ण ने पाछिल के ऊपर खड़े होकर अपने दो मोबाइल फोन को बगल के तालाब में फेंक दिया था। सीबीआई अधिकारियों को दोनों मोबाइल फोन बरामद करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। जीवन ने क्यों मोबाइल तालाब में फेंका था? इसे लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे थे। हालांकि शुक्रवार को अदालत में सुनवाई के दौरान जीवन कृष्ण साहा के वकील ने जज को बताया कि आखिर किस कारणवश विधायक ने अपने दोनों मोबाइल फोन को तालाब में फेंका था। अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने कहा कि विधायक के घर से कई दस्तावेज व रसीद जब्त किए गए हैं। सीबीआई के अनुसार उक्त सभी दस्तावेज और रसीद विभिन्न उम्मीदवारों और एजेंटों से लिए गए रुपये के रसीद हैं। नियुक्त‌ि घोटाले में एजेंट के रूप में गिरफ्तार कौशिक घोष के साथ जीवन के आर्थिक लेनदेन का सबूत भी मिला है। वहीं तृणमूल विधायक जीवन कृष्ण साहा के वकील ने सीबीआई हिरासत का विरोध करते हुए अपने मुवक्किल को जमानत पर रिहा करने की मांग की। जीवन के वकील ने कोर्ट से कहा, ‘मेरे मुवक्किल विधायक हैं। उनके कई राजनीतिक दुश्मन हैं। उनके घर से कोई दस्तावेज नहीं मिला। मेरे मुवक्किल को कैसे पता चलेगा कि उनके घर में किसने बाहर से क्या फेंका है?’ इसके अलावा फोन फेंकने का मामला भी कोर्ट रूम में आया। जीवन के वकील ने दावा किया, ‘फोन जब्त कर लिया गया था। उनकी बेटी सिलीगुड़ी में पढ़ती है। हर शाम बेटी और पिता फोन पर बात करते हैं। इसलिए शाम को जब विधायक ने अपनी बेटी से वीडियो फोन करने के लिए मोबाइल मांगा तो सीबीआई अधिकारियों ने नहीं दिया। इसके बाद ही उन्होंने अचानक गुस्से में दोनों मोबाइल फोन को तालाब में फेंक दिया। तृणमूल विधायक के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल से हिंदी में पूछताछ की जा रही है। वह बांग्ला में जवाब दे रहे हैं और यह अंग्रेजी में लिखा गया है। इस दिन कोर्ट में जज ने जानना चाहा कि विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दिया गया है या नहीं। जवाब में केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि विधान सभा को एक पत्र भेजा गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने जीवन को 25 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में रखने का आदेश दिया।

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