अंग्रेजी की दौड़ में इन स्टूडेंट्स ने बढ़ाया हिन्दी का मान

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : एक तरफ जहां चारो ओर अंग्रेजी की दौड़ है। अपने – अपने बच्चों को लोग अंग्रेजी में माहिर बनाने में लगे हुए हैं, ऐसे समय में सीबीएसई की परीक्षा में कई स्टूडेंट्स ने हिन्दी में बेहतरीन प्रदर्शन कर हिन्दी का मान बढ़ाया है। सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल की 10वीं की परीक्षा में सुदीक्षा चक्रवर्ती ने हिन्दी विषय में 100 में 100 अंक लाये हैं। हिन्दी में इतना बेहतरीन प्रदर्शन कर सुदीक्षा काफी खुश है। उसने सन्मार्ग से कहा, ‘सभी विषयों की तरह मैंने हिन्दी को भी उतनी ही गंभीरता से पढ़ा। इसके लिये मेरी शिक्षक और अभिभावकों का मुझे काफी सहयोग मिला। मां सुकन्या चक्रवर्ती स्कूल टीचर हैं और पापा सैकत चक्रवर्ती इंजीनियर है।’ अभिभावक ने जतायी खुशी : सुदीक्षा की मां सुकन्या ने बेटी सुदीक्षा के प्ररफॉर्मेंस पर काफी खुशी जतायी। उन्होंने कहा कि हिन्दी विषय में शुरू से ही सुदीक्षा की रुचि रही है।

एचओडी ने सुदीक्षा को बताया मेहनती : स्कूल में हिन्दी की एचओडी निखत यास्मीन ने सुदीक्षा को काफी मेहनती बताया और कहा, ‘सुदीक्षा शुरू से ही पढ़ाई में काफी अच्छी रही है। उसकी लेखन शैली और भाषा व भावों की अभिव्यक्ति काफी बेहतर है। ​विशेषकर उसे पढ़ना काफी पसंद है और उसके शब्द भी काफी अच्छे होते हैं। वह काफी मेहनती होने के साथ ही अत्यंत लगन के साथ पढ़ाई करती है। सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल को उस पर गर्व है।’

साउथ प्वाइंट हाई स्कूल के कक्षा 10 के आदित्य अग्रवाल को हिन्दी में 95 अंक मिले हैं। उसने कहा, ‘स्कूल में शिक्षकों का काफी सहयोग रहा और मैं भी क्वेशचन पेपर फॉलो करता था। फिलहाल मैंने साइंस स्ट्रीम को चुना है और आगे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना है। मां प्रीति अग्रवाल हाउसवाइफ हैं और पापा विजय अग्रवाल सीए हैं।’

परिवार के सभी काफी खुश : आदित्य के पिता विजय अग्रवाल ने कहा, ‘आदित्य के प्रदर्शन से पूरा परिवार काफी खुश है। सभी को काफी गौरवान्वित महसूस हो रहा है। आदित्य ने हिन्दी में अच्छे अंक लाये हैं और ओवरऑल भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उसने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है। आगे वह जेईई की पढ़ाई में जुटा हुआ है।’

साउथ प्वाइंट की ही 10वीं कक्षा की श्रेयी भट्टाचार्य को हिन्दी में 97 अंक मिले हैं। श्रेयी ने कहा, ‘घर में ही हिन्दी पढ़ती थी और स्कूल का काफी सपोर्ट रहा। रोजाना पढ़ाई करती थी, पूरे साल की प्रैक्टिस के कारण ही अच्छे नंबर आये हैं। आगे जाकर साइंटिस्ट बनना चाहती हूं। स्कूल शिक्षकों का सहयोग काफी रहा। मां सुजाता भट्टाचार्य हाउसवाइफ हैं और पापा मृगेश भट्टाचार्य मार्केट रिसर्च में हैं।’

राजभाषा है हिन्दी, काफी जरूरी है जानना : श्रेयी के पिता मृगेश भट्टाचार्य ने कहा, ‘शुरू से ही यह बात दिमाग में थी कि हिन्दी जानना काफी जरूरी है। हिन्दी हमारी राजभाषा है और किसी दूसरे राज्य में जाने पर हिन्दी ही काम आयेगी। इस कारण ट्रांजिशन से ही श्रेयी को हिन्दी पढ़ाया जा रहा है। क्लास 9 तक बंग्ला उसका विषय रहा है और घर में बंग्ला में ही बात होती है, इसलिये वह बंग्ला भाषा पहले से जानती है। हालांकि हिन्दी नहीं जानती तो समस्या हो सकती थी क्योंकि देश में सबसे अधिक प्रचलित भाषा हिन्दी ही है।’

बच्चों के परफॉर्मेंस से है काफी खुशी : साउथ प्वाइंट हाई स्कूल में हिन्दी की एचओडी सिम्मी तलवार ने कहा, ‘बच्चों के बेहतरीन प्रदर्शन से काफी खुश हूं। आदित्य और श्रेयी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। स्कूल के दूसरे स्टूडेंट्स ने भी अच्छा प्रदर्शन कर स्कूल का मान बढ़ाया है।’

डीपीएस रूबी पार्क के कविन गुप्तो को हिन्दी में 100 में 100 अंक मिले हैं। अपने प्रदर्शन पर उसने कहा, ‘बंगाली होने के बावजूद हिन्दी में इतने अच्छे रिजल्ट से काफी खुशी हुई। इसका पूरा श्रेय स्कूल के ​शिक्षकों को जाता है। मातृ भाषा बंगाली होने के कारण मैं हिन्दी पर अधिक ध्यान देता था। मुहावरे और दोहा मुझे काफी पसंद है और अपने हिन्दीभाषी दोस्तों से हिन्दी में ही बात करता हूं। फिलहाल साइंस लेकर पढ़ाई कर रहा हूं, लेकिन आगे हिन्दी में लेखन के क्षेत्र में कुछ करूंगा। मां कस्तूरी गुप्ता बिजनेस वुमेन हैं जबकि पिता कौशिक गुप्ता सर्विस करते हैं।’

मां ने कहा, खुशी का ठिकाना नहीं : कविन की मां कस्तूरी ने कहा, ‘मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है क्योंकि कविन ने हिन्दी में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके लिये उसने कड़ी मेहनत की है, हालांकि इतने अच्छे नतीजों की उम्मीद नहीं थी।’

सीबीएसई 10वीं में लक्ष्मीपत सिंघानिया अकादमी की हिन्दी में बेहतरीन 96 अंक लानेवाली ऋतिषा बजाज एवं विदिशा मुंधड़ा ने कहा कि उन लोगों ने हिन्दी को लेकर जी तोड़ मेहनत की।

क्या कहा छात्राओं ने : ऋतिषा ने कहा कि इसे लेकर कोई विशेष ट्यूशन नहीं लिया लेकिन स्कूल की हिन्दी शिक्षिका ने बहुत ही ज्यादा सहयोग किया, साथ ही सन्मार्ग में आयोजित होनेवाले अवार्ड शो का भी हिस्सा बनना है। इसलिए इतनी मेहनत की। ऋतिषा की मां अनामिका व पिता संदीप बजाज ने भी उनकी पढ़ाई के लिए बराबर मेहनत की है। वहीं विदिशा ने भी कहा कि उनकी हिन्दी की टीचर ने उन्हें इतने सही तरीके से पढ़ाया कि उन्हें अलग से मेहनत नहीं करनी पड़ी। इसके साथ ही परीक्षा में परेशानी होती थी तो मां सुप्रिया मुंधड़ा व पिता श्रीकुमार मुंधड़ा ने बहुत ही सहयोग किया।

क्या कहा हिन्दी टीचर ने : वहीं इस बारे में हिन्दी की टीचर गंगा सिन्हा ने कहा कि यह उन बच्चियों की मेहनत है जिन्होंने हिन्दी का मान बढ़ाया है। सन्मार्ग भी हमेशा से ही बच्चों को हिन्दी के लिए प्रोत्साहित करता आया है। उनके लिए मैं बहुत ही ज्यादा गौरवान्वित हुई हूँ।

हावड़ा के एशियन इंटरनेशनल स्कूल के 8 छात्रों के हिन्दी में 90 से अधिक अंक आये हैं। इसे लेकर स्कूल की प्रिंसिपल विजया लक्ष्मी कुमार काफी खुश हैं। उनका कहना है कि हिन्दी में छात्र इतना बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे, यह उम्मीद नहीं थी। इनमें सौविक गुच्छाइत को 97 अंक, अलोकिता सिन्हा, मोहक मुखर्जी, तनु सिंह शेखावत, तेहांजप्रित कौर एवं उन्नभ दास को 95 अंक एवं रिक रॉय चौधरी को 93 अंक मिले हैं। ये सभी छात्र हिन्दी में बेहतरीन अंक लाकर खुश हैं। सभी सन्मार्ग के राम अवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार का हिस्सा बनने के लिए एक्साइटेड हैं।

क्या कहना है हिन्दी टीचर का : हिन्दी टीचर दीपिका राय काफी खुश हैं। उनका कहना है कि उनके इतने छात्रों ने हिन्दी में बेहतरीन प्रदर्शन किया जो कि सबके वश की बात नहीं है। हर किसी ने हिन्दी को लेकर कड़ी मेहनत की है, जो कि सराहनीय है।

दिल्ली पब्लिक स्कूल हावड़ा की कक्षा 10 की छात्रा ऋषिका त्रिवेदी को हिन्दी में 99 अंक प्राप्त हुए। इसके बाद से वह उसके अभिभावक दोनों ही काफी खुश है। मां विनीता त्रिवेदी ने कहा कि वह हिन्दी को पढ़ने के साथ ही उसके उत्तर को लगातार ​लिखती थी। उसे वे अपने हिन्दी के शिक्षक अभिषेक यादव को वाट्सएप के माध्यम से भेजती थी। वे उसकी गलती को ठीककर के उसे बताते थे। इससे उसे हिन्दी की परीक्षा में काफी सहयोग मिला। हिन्दी के लिए उसने कोई अलग से ट्यूशन नहीं लिया।

क्या कहना है हिन्दी टीचर का : दिल्ली पब्लिक स्कूल के हिन्दी टीचर अ​​भिषेक यादव ने कहा कि बहुत खुश है। हमारी कोशिश थी कि हमारे बच्चे 100 में से 100 लाये मगर ऐसा नहीं हो पाया लेकिन उनका प्रयास सराहनीय था। वीक बच्चों को अलग से पढ़ाया जाता था। हर 4 वीक में परीक्षा होती थी। सिर्फ एक को लेकर नहीं ब​ल्कि सभी बच्चों को लेकर चलना था। सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया।

बिरला हाई स्कूल की दसवीं में हिन्दी में 98 अंक हासिल करने वाले छात्र स्वप्नेंदु कुंडू ने बताया कि मैंने हिन्दी के लिये ट्यूशन क्लास नहीं लिया। मैंने स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता था उसी का अध्ययन किया है और आज उसी का परिणाम सबके सामने है। स्वप्नेंदु की मां सुत्रिश्ना ने बताया कि मेरा बेटा हमेशा सैंपल पेपर सॉल्व करता था। हम लोग बंगाली भाषी है लेकिन मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा हिंदी में आगे बढ़े और कुछ बेहतर कर दिखाये। वहीं, बारहवीं में हिन्दी में 88 अंक हासिल करने वाले देवेश सराओगी ने बताया कि मेरी हमेशा से हिन्दी में रूची रही है। मैं सन्मार्ग के राम अवतार गुप्त हिन्दी प्रोत्साहन में हिस्सा लेनेे चाहता हूं। इसलिये मैंने कड़ी मेहनत की है। वहीं, देवेश की मां जया ने कहा कि मेरा बेटा हिन्दी को लेकर बहुत सीरियस है।

क्या कहा हिन्दी टीचर ने : हिन्दी शिक्षिका रश्मि तिवारी ने बताया कि हर वर्ष हमारे स्कूल से छात्र बहुत अच्छे अंक लाते हैं। हमारे स्टूडेंट ने इस बार भी हिन्दी में बहुत अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। हर बार हमारी यही कोशिश होती है कि बच्चे अच्छे अंक प्राप्त करें। अभिभावक हमें श्रेय दे रहे हैं। इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया, लेकिन इसमें पूरा श्रेय बच्चों और माता-पिता को जाता है।

हिन्दी का सम्मान करें और आगे बढे़ं- विनोद अग्रवाल : शिक्षायतन फाऊंडेशन के उप महासचिव विनोद अग्रवाल ने छात्रों के बेहतर प्रदर्शन पर कहा कि दुनियाभर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं हैं जिनमें हिंदी तीसरे स्थान पर है। दुनियाभर में 61.5 करोड़ लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। आज हम बांगला भाषी राज्य में हैं लेकिन यहां भी हिंदी खूब बोली जाती है। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि वे हिन्दी का सम्मान करें और आगे बढे़ं। जरूरी है कि युवा पीढ़ी हिन्दी पढे़ं। सन्मार्ग की राम अवतार गुप्त प्रोत्साहन को मेरा सलाम है। सन्मार्ग की इसी पहल के कारण आज युवा पीढ़ी में हिन्दी सीखने, पढ़ने और बोलने की उतनी ही ललक है।

क्या कहा श्री शिक्षायतन स्कूलके टीचर ने : श्री शिक्षायतन स्कूलकी हिन्दी की एचओडी अर्चना सिंह ने बताया कि हमारे स्कूल में बच्चे हमेशा ही हिन्दी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। रिजल्ट में बच्चे का पास होना जरूरी है। मार्क्स जिंदगी नहीं है। हमारी यही कोशिश होती है कि बच्चे हर सबजेक्ट में अच्छे अंक प्राप्त करें। हम वाकई बहुत खुश हैं।

क्या छात्राओं ने : हिन्दी में 92 अंक हासिल करने वाली जोहरा शकील ने बताया कि मैंन हिन्दी में अच्छी अंक प्राप्त करने के लिये कड़ी मेहनत की है। मैं हिन्दी लेकर आगे भी पढ़ना चाहुंगी। वहीं दसवीं में 97 अंक हासिल करने वाली श्रेया गुप्ता ने बताया कि मुझे हिन्दी बचपन से ही पसंद है। मैं बच्चों को आगे हिन्दी पढ़ाना चाहुंगी।

कविन ने बढ़ाया स्कूल का मान : दिल्ली पब्लिक स्कूल रूबी पार्क की प्रिंसिपल जोयोती चौधरी ने कहा कि कोलकाता के कविन गुप्ताे ने सीबीएसई दसवीं बोर्ड (सत्र-2022-23) की परीक्षा में योग्यता आधारित प्रश्नों का स्तर अत्यंत उच्च होने के बावजूद शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय का मान बढ़ाया है।

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