हाई कोर्ट ने दिया कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने का आदेश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आसनसोल नगरनिगम में विपक्ष की नेता चैताली तिवारी को वृहस्पतिवार को हाई कोर्ट से राहत मिल गई। जस्टिस जय सेनगुप्ता ने पुलिस को चैताली तिवारी के खिलाफ तीन सप्ताह तक के लिए कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं किए जाने का आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि चैताली तिवारी भाजपा नेता जीतेंद्र तिवारी की पत्नी हैं। आसनसोल में कंबल वितरण कार्यक्रम में हुई मौत के मामले में उनके खिलाफ आसनसोल थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस ने इस मामले में उन्हें पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस दिया था। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में उनकी तरफ से एक रिट दायर करके आरोप लगाया गया था कि राजनीतिक रंजिश के कारण उनके खिलाफ यह मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें अपील की गई है कि या तो चैताली के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने पर रोक लगायी जाए या यह एफआईआर रद्द की जाए। बहरहाल जस्टिस सेनगुप्ता ने कार्यवाही रद्द किए जाने से इनकार कर दिया पर उन्हें सुरक्षा कवच दे दी। उन्होंने पुलिस को आदेश दिया है कि पूछताछ के लिए 48 घंटा पहले नोटिस दी जाए और एक साथ दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ नहीं की जा सकती । इसकी और इसके साथ ही जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी करनी पड़ेगी। सप्ताह में सिर्फ सोमवार और शनिवार को ही पूछताछ की जा सकती है। जस्टिस सेनगुप्त ने कहा कि इस दौरान पिटिशनर चाहे तो अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है। चैताली तिवारी के पक्ष मेें बहस कर रहे एडवोकेट राजदीप मजुमदार ने माना कि कंबल वितरण कार्यक्रम के आयोजकों में चैताली तिवारी शामिल हैं। इस घटना में मरे एक 14 वर्षीय बच्चे की तरफ से पैरवी करते हुए एडवोकेट फिरोज इदुलजी ने इसका विरोध किया और कहा कि यह एक गंभीर अपराध है और उन्हें इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती है। राज्य सरकार ने इसकी ग्रहणयोग्यता पर सवाल उठाया।
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