Ram Mandir Ayodhya News : काशी में बन रहे हैं पूजन के बर्तन, वहीं के …

अयोध्या : अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियों के बीच मुख्य पुजारी के साथ-साथ, शहनाई वादन, पूजन सामग्री और अब भगवान रामलला को जलाभिषेक करने वाला कलश भी काशी में ही तैयार करके भेजा जा रहा है। अरघी, तीस्टा, कलश को काशी के लालू वर्मा तैयार कर रहे हैं, जो पिछली पांच पीढ़ियों से धार्मिक अनुष्ठान के बर्तन को तैयार करने के लिए ही जाने जाते हैं। इससे पहले उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर, मां विंध्याचल धाम और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए पवित्र बर्तन को तैयार किया है। लालू वर्मा को बर्तन तैयार करने के लिए मुख्य पुरोहित लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित ने निर्देशित किया है और वह उनके साथ ही इन सभी बर्तनों को सौंपने के लिए अयोध्या पहुंचेंगे। लालू ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में मुख्य पुरोहित की भूमिका निभा रहे लक्ष्मीकांत मथुरानाथ दीक्षित के दिशा निर्देश पर हमें प्रतिष्ठा आयोजन के लिए कलश और 125 की संख्या में अरघी, तीस्टा तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है। ये सभी बर्तन ह्वाइट मेटल से तैयार किए जा रहे हैं, जो चांदी की तरह प्रतीत होता है और इसकी पवित्रता अधिक मानी जाती है। इसमें दूध और पानी के माध्यम से जलाभिषेक किया जा सकता है।” लालू वर्मा ने बताया कि वह इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर, माँ विंध्याचल धाम और अन्य धार्मिक स्थलों के लिए पूजन सामग्री से जुड़े बर्तन भी बना चुके हैं। “हमारी पांचवीं पीढ़ी इस धार्मिक अनुष्ठान के बर्तन को बनाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रभु राम का जीवन हर एक वर्ग के लिए प्रेरणा है और हमने अपने पूरे जीवन में कभी सोचा भी नहीं था कि हमारा यह कार्य ठाकुर जी के काम आएगा।” लालू वर्मा ने कहा, “हम अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं कि हमारे द्वारा बनाए गए कलश व अन्य बर्तन का ठाकुर जी के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन कार्यक्रम में उपयोग किया जाएगा।

हमारा समाज भी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर उत्साहित है, यह सभी सनातनियों के लिए गर्व का विषय है।”
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रमुख लोगों को भेजा गया निमंत्रण पत्र सामने आया है। इसमें रामलला और भव्य राम मंदिर की तस्वीर बनी है। निमंत्रण पत्र के साथ संकल्प नाम से एक बुकलेट भी भेजी गई है। बुकलेट में 1528 से 1984 के दौरान राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वाले संतों और अदालती कार्रवाई में शामिल लोगों की तस्वीर और जानकारी दी गई है। बुकलेट में देवरहा बाबा की तस्वीर भी छपी है। यह वही बाबा हैं, जिन्होंने 33 साल पहले राम मंदिर के निर्माण की भविष्यवाणी की थी और कहा था कि मंदिर सभी की सहमति से बनेगा। बुकलेट में लिखा है, ‘रामानुज परंपरा के वाहक, दिव्य एवं उच्च आध्यात्मिक शक्तियों से ओतप्रोत पूज्य देवरहा बाबा, सन् 1989 के प्रयाग महाकुम्भ के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित संत सम्मेलन व धर्म संसद में पधारे थे। उन्होंने घोषणा की थी कि विश्व हिंदू परिषद मेरी आत्मा है, मेरी सहमति से श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन चल रहा है।’
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार

अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। देश-विदेश से अनेक लोगों को इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की राष्ट्रीय कोर कमेटी की 3 जनवरी को नागपुर में हुई बैठक में यह पता चला है कि अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देश में 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होगा। अभी से ही मार्केट में राम मंदिर से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं की भारी मांग हो गई है। मूर्तियों और पूजा सामग्री की मांग बढ़ रही है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि राम मंदिर लोगों की आस्था के साथ ही एक बड़े व्यापार का भी केंद्र बन रहा है। खासतौर पर छोटे निर्माता और लघु व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए व्यापार के अनेक अवसर सामने आ रहे हैं। बतौर खंडेलवाल, पूजा के लिए विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की बड़ी मांग देखने को मिल रही है। जैसे-जैसे 22 जनवरी नजदीक आ रही है, वैसे ही राम एवं पूजा-पाठ से जुड़ी वस्तुओं की मांग में भी तेजी आ रही है।इस मांग को देखते हुए बहुत से लोगों ने अपने पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही ऐसी अनेक वस्तुओं का उत्पादन या व्यापार शुरू कर दिया है, जो राम मंदिर के महोत्सव से जुड़ी हैं।मंदिर का मॉडल हर कोई अपने घर में रखना चाहता हैराम मंदिर के प्रतीक के रूप में मंदिर का मॉडल हर कोई अपने घर में रखना चाहता है। यह मॉडल बाजार में 4 इंच, 6 इंच, 8 इंच एवं 12 इंच में उपलब्ध हैं। इससे बड़े साइज के मॉडल भी बाजार में मिल रहे हैं। मुख्य रूप से यह मॉडल पाइनवुड, लकड़ी, हार्डबोर्ड आदि में बनाए जा रहे हैं। श्रीराम, राम मंदिर एवं राम दरबार के चित्र व अन्य देवी-देवताओं के चित्र एवं मूर्तियों की बड़ी मांग आ रही है। ये मूर्तियां, मिट्टी, पाइनवुड, लकड़ी, पीतल, तांबा एवं अन्य अनेक प्रकार की कच्ची सामग्री से बनाई जा रही हैं। पूजा के लिए बड़ी मात्रा में मिट्टी, पीतल एवं अन्य धातुओं के एकल दीपक एवं एक ही दीपक में अनेक दीपक आरती के लिए, अगरबत्ती, धूपबत्ती स्टैंड सहित अन्य अनेक वस्तुएं भी बड़ी मात्रा में बाजार में हैं। ये ग्राहकों की बड़ी पसंद बनी हैं।
बाबरी मस्जिद के पैरोकार को भी निमंत्रण भेजा गया

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए बाबरी मस्जिद के पैरोकार रहे इकबाल अंसारी को भी न्योता भेजा गया है। इकबाल अंसारी अपने पिता हाशिम अंसारी के निधन के बाद कोर्ट में बाबरी मस्जिद के पैरोकार थे। साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित परिसर का स्वामित्व हिंदू पक्ष को सौंप दिया था। इसके बाद इकबाल अंसारी ने भी फैसले का स्वागत किया था।इससे पहले राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए भी इकबाल अंसारी को पहला न्योता भेजा गया था। अब राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भी इकबाल अंसारी को निमंत्रण दिया है।कौन हैं इकबाल अंसारीइकबाल अंसारी अयोध्या भूमि विवाद मामले में मस्जिद के पैरोकारों में से एक थे। उनके पिता हाशिम अंसारी भूमि विवाद केस के सबसे उम्रदराज पैरोकार थे। साल 2016 में 95 साल की उम्र में हाशिम अंसारी का निधन हो गया था। इसके बाद इकबाल अंसारी ने कोर्ट में मामले की कानूनी लड़ाई जारी रखी। 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के इस बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित परिसर को हिंदुओं को सौंपने का आदेश दिया था। अंसारी ने इस फैसले का स्वागत किया था।

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