भारत के बेरोजगारों में 83% युवा आबादी, रिपोर्ट से हुआ खुलासा | Sanmarg

भारत के बेरोजगारों में 83% युवा आबादी, रिपोर्ट से हुआ खुलासा

नई दिल्ली: भारत में बेरोजगार लोगों की आबादी को लेकर नया डाटा जारी किया है। हालांकि यह डाटा भारत सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन(ILO) और इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) ने  साझा रूप से एक आकंड़े जारी किए जिसमें देश की एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024 भी जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में, भारत की कुल बेरोजगार आबादी में युवा 83% है। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने मंगलवार को रिपोर्ट जारी की।

शिक्षित लोगों के बीच तेजी से फैली बेरोजगारी

इस रिपोर्ट की मानें तो, सभी बेरोजगार लोगों में शिक्षित युवाओं की हिस्सेदारी साल 2000 में 54.2% थी, जो बढ़कर 2022 में 65.7% हो गई है। इसके अलावा, वर्तमान में शिक्षित लेकिन बेरोजगारी युवाओं में पुरुषों (62.2%) की तुलना में महिलाएं (76.7%) अधिक हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “इससे पता चलता है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या युवाओं, विशेषकर शहरी क्षेत्रों के शिक्षित लोगों के बीच तेजी से पैदा हो गई है।”

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि 2000 से 2019 तक युवाओं के रोजगार और अल्परोजगार में वृद्धि देखी गई, लेकिन कोविड-19 महामारी के वर्षों के दौरान इसमें गिरावट आई। 2000 में, कुल नियोजित युवा आबादी का आधा हिस्सा स्व-रोज़गार था, 13% के पास नियमित नौकरियां थीं, जबकि शेष 37% के पास आकस्मिक नौकरियां थीं। 2012, 2019 और 2022 के लिए संबंधित आंकड़े 46%, 21%, 33% थे; 42%, 32%, 26%; और क्रमशः 47%, 28%, 25% हैं।

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अगले दशक तक 70-80 लाख युवा जुड़ेंगे

स्टडी में आगे बताया है कि भारत अगले दशक के दौरान अपने लेबर वर्कफोर्स में 7-8 मिलियन (70-80 लाख) युवाओं को जोड़ेगा, और आगे के लिए 5 मुख्य की पॉलिसी सेक्टर बताए गए हैं:

1. रोजगार सृजन को बढ़ावा देना

2. रोजगार की क्वालिटी में सुधार

3. श्रम बाज़ार में असमानताओं को संबोधित करना

4. सक्रिय श्रम बाजार के स्किल और पॉलिसी दोनों को मजबूत करना

5. लेबर मार्केट पैटर्न और युवा रोजगार पर ज्ञान की कमी को पाटना।

सरकार हर चीज में हस्तक्षेप नहीं कर सकती’

रिपोर्ट जारी करते हुए सीईए नागेश्वरन ने कहा कि यह सोचना ‘सही नहीं’ है कि सरकार को ‘हर सामाजिक या आर्थिक समस्या’ के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। “हमें इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है। सामान्य दुनिया में, यह कॉमर्शियल सेक्टर है, और जो लोग फायदे चाहते हैं, उन्हें भर्ती करने की जरूरत है”।

कांग्रेस का केंद्र सरकार पर निशाना

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर लिखा कि हमारे युवा मोदी सरकार की दयनीय उदासीनता का खामियाजा भुगत रहे हैं, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने उनका भविष्य बर्बाद कर दिया है। ILO और IHD रिपोर्ट निर्णायक रूप से कहती है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या गंभीर है। वे रूढ़िवादी हैं, हम बेरोज़गारी के ‘टिक टिक बम’ पर बैठे हैं!

 

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