कोलकाता: विश्वकर्मा जयंती इस वर्ष 17 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह दिन भारतीय समाज में विश्वकर्मा, जो देवता और शिल्पकार हैं, की पूजा के लिए समर्पित है। यह अवसर विशेष रूप से निर्माण, तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
पूजा विधि:
- स्नान और शुद्धि: पूजा से पहले स्नान कर खुद को शुद्ध करें।
- अल्वेर: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां एक नया आसन बिछाएं।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए एक तस्वीर या मूर्ति विश्वकर्मा की रखें। उसके साथ फूल, फल, दीपक, धूप, और नैवेद्य (भोग) तैयार रखें।
- पूजा विधि:
- सबसे पहले दीपक जलाएं और धूप अर्पिरें।
- विश्वकर्मा के चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर उन्हें पुष्प अर्पित करें।
- मंत्रोच्चारण करते हुए उनके गुणों और कार्यों की प्रशंसा करें।
- फिर नैवेद्य अर्पित करें और अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
- आरती: अंत में विश्वकर्मा की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
शुभ मुहूर्त: विश्वकर्मा जयंती के दिन शुभ समय सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक रहेगा। यह समय पूजा और अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से अनुकूल माना जाता है। इस दिन को सफल बनाने के लिए, लोग विश्वकर्मा जयंती की पूजा श्रद्धा और भक्ति के साथ करते हैं, और इसे अपने कार्यस्थलों पर भी मनाने की परंपरा है।
Visited 335 times, 1 visit(s) today
Post Views: 1,910