Underwater Metro : तो कुछ ऐसा रहा अंडरवाटर मेट्रो के पहले … | Sanmarg

Underwater Metro : तो कुछ ऐसा रहा अंडरवाटर मेट्रो के पहले …

कोलकाता : सोमवार को लोगों के कार्य दिवस का पहला दिन था और इसमें अंडररिवर मेट्रो की अग्नि परीक्षा थी, क्योंकि ऐसा पहली बार था कि सप्ताह के पहले सोमवार को ग्रीन मेट्रो की शुरूआत हुई थी। देखा जाये तो कुछ दिनों पहले तक हावड़ा मैदान से रोजाना हजारों लोग कोलकाता की ओर जाते हैं। परंतु इसमें कुछ लोग बस से तो कुछ लोग ऑटो से सवारी करते हैं। परंतु यह लोग अब एक ही सवारी यानी की मेट्रो से हावड़ा, महाकरण और एस्प्लेनेड की ओर जा रहे हैं। जो मेट्रो कोलकाता की लाइफलाइन कही जाती है। वह अब हावड़ा की भी लाइफलाइन बनने जा रही है। वहीं हावड़ा के अलावा एस्प्लेनेड भी जो कि ब्लू लाइन, ऑरेंज लाइन व ग्रीन लाइन का जंक्शन है। वहां से भी अब लाखों लोग सवार हो रहे हैं। ऐसे में सोमवार के पहले दिन सन्मार्ग की टीम एस्प्लेनेड पहुंची। वहां से कार्यदिवस के पहले दिन अंडररिवर मेट्रो में पहुंची तो देखा कि सफर करने के लिए टिकट काउंटरों पर भी लोगों की लंबी कतार लगी थी। एसप्लेनेड से हावड़ा मैदान जानेवाले यात्रियों आपस में कन्फ्यूज थे कि दाई या बाईं तरफ से मेट्रों पकड़ना है। हालांकि मेट्रो में बेहतर साइन बोर्ड नहीं होने की वजह से यात्रियों को सफर के दौरान पुलिस से जाकर जानकारी लेनी पड़ रही है। अंडररिवर मेट्रो का अद्भुत अनुभव लेने के लिए कोने-कोने से आए लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। हालांकि सभी यात्रियों की निगाह महाकारण स्टेशन के बाद से ही एक टक मेट्रो की खिड़की की तरफ लगी थी। सभी की आंखों में इंतजार था की कब उन्हें वह ब्लू रोशनी दिखे और वह हुगली नदी के नीचे होने का अद्भुत एहसास कर सके।

क्या कहना है यात्रियों का

ऑफिस जाते हुए सोनू कुमार झा ने कहा की अंडररिवर मेट्रो होने के बाद से लोगों को यातायात में काफी सुविधा मिली है। पहले यात्रियों को बस में घंटों इंतजार करना पड़ता था हावड़ा स्टेशन जाने के लिए, लेकिन अब सिर्फ 8 मिनट लग रहा है। हालांकि लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार उनका सपना सच हो गया। उन्होंने कहा कि अब हमें ऑफिस ​जाने में अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस ऐतिहासिक पल को बताने आए बिहार से राजकुमार ने बताया कि कई साल पहले वह अपने परिवार के साथ कालीघाट घूमने आए थे, लेकिन इस बार अंडररिवर मेट्रों ट्रेन का नजारा देखने आए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की नजारा अक्सर विदेशों में देखने को मिलती है, लेकिन अब हम इंडिया में बैठे लग्जरी मेट्रो का अनुभव ले सकते हैं। राहुल हलदार बताया कि पहले मुकुंदपुर से हावड़ा तक बस से जाया करते थे, फिर हावड़ा से लिलुआ ऑफिस के लिए जाना पड़ता था। हालांकि इससे बस में कई घंटों लग जाता था, लेकिन अब अंडररिवर मेट्रो तैयार होने के बाद यातायात करना आसान हो गया है। राजस्थान से आए 70 वर्षीय एक वृद्ध ​जयराम सुथार ने कहा कि मैं पानी के नीचे मेट्रो की सवारी करने के लिए राजस्थान से आया हूं, जब से हमने सुना कि कोलकाता में अंडररिवर मेट्रों का निर्माण कार्य हो रहा था तभी से इंतजार कर रहा था। जादवपूर के रहने वाले अमित अग्रवाल ने बताया कि हावड़ा मेट्रों का सफर वह लगातार 3 दिनों से कर रहे हैं। महाकरण से हावड़ा मैदान के बीच गुजरने वाले अंडररिवर मेट्रो में जलते हुए ब्लू लाइट वीडिओ बनाते हैं।

आइए जानते है स्टेशन मास्टर ने क्या कहा

हावड़ा मैदान मेट्रो के स्टेशन मास्टर विनोद कुमार ने सन्मार्ग को बताया कि एसप्लेनेड से हावड़ा मैदान रूट में अभी सिर्फ 2 मेट्रो को चलाया जा रहा है। हालांकि जिस लाइन से मेट्रो जा रही है, उसी लाइन से वापस भी आ रही है। इसलिए यात्री ज्यादा कन्फ्यूज है कि दाई या बाईं तरफ से मेट्रों पकड़ना है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की समस्या को देखते हुए हमलोगों अनाउंसमेंट कर उनको सही गाइड कर रहे हैं। हालांकि इसका समाधान जल्द किया जायेगा। इसी बीच हावड़ा मेट्रो में कुल 28 टिकट कांउटर है, लेकिन यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखकर ही कांउटर को ही खोला गया है।

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