आरजी कर अस्पताल के पास खाली दवा दुकान
कोलकाता : आरजी कर अस्पताल में गत 9 अगस्त को एक पीजी ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार व हत्या की घटना घटी। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। राज्य में भी इस घटना का बड़ा असर पड़ा है। आरजी कर अस्पताल के आस-पास की दुकानों पर भी इसका काफी असर पड़ा है। दुकानों में बिक्री 90% तक घट गयी है। चाहे दवा दुकानें हों या फिर प्लास्टिक समेत मरीजों से संबंधित अन्य सामानों की बिक्री गत 9 अगस्त की घटना के बाद से काफी कम हो गयी है।
आरजी कर अस्पताल के पास ही अफसाना परवीन की दुकान लगभग 25 वर्षों से है। बच्चों के कपड़ों से लेकर प्लास्टिक की बाल्टी, मग के अलावा गमछे आदि की बिक्री वह करती हैं। अफसाना ने कहा कि पहले एक दिन में 3000-4000 रुपये तक की बिक्री हो जाती थी, लेकिन अब 300-400 रुपये की बिक्री भी एक दिन में नहीं हो रही है। 25 वर्षों से आरजी कर के पास ही मेरी दुकान है, लेकिन पहली बार ऐसी हालत देख रही हूं। इसी तरह मुनेरी बेगम ने कहा कि पहले जो बिक्री हाेती थी, उससे ही मेरा संसार चल जाता था। किसी तरह का कर्ज लेने पर, वह भी चुकता कर देती थी। पिछले 18 दिनों से मैंने दुकान बंद रखी थी, शनिवार को मैंने दुकान खोली, लेकिन बिक्री ना के बराबर हुई।
एक ही हाल दवा दुकानों का है। जहां लोगों की खचाखच भीड़ रहती थी, वे दवा दुकानें आज पूरी तरह खाली हो गयी हैं। ब्लू प्रिंट दवा दुकान के जॉयदेव साहा ने कहा कि वर्ष 2003 से यह दुकान है। पहली बार ऐसा हुआ है कि बिक्री की बहुत खराब हालत हो गयी है। ऐसा गत 15 दिनाें से हो रहा है। बिक्री 90% तक घट गयी है। चूंकि आरजी कर घटना का केंद्र बिंदु है, इसलिए यहां का हाल सबसे बुरा है। कमला मेडिकल सेंटर के तपन माइती ने कहा कि पहले 100% बिक्री होती थी, अब 10% बिक्री किसी तरह हो रही है। 9 अगस्त की घटना के बाद से ऐसा ही हाल है। यहां आने में लोग डर रहे हैं, लोगों को लग रहा है कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं। दूर-दराज क्षेत्रों से जो लोग आते थे, उन्होंने आना लगभग बंद कर दिया है। हालांकि एक-दो दिनों से कुछ मरीज आ रहे हैं। वे वापस जाकर अगर लोगों से कहेंगे कि स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं तो हो सकता है कि पुनः लोग आना चालू करें।