कोलकाता : दुर्गापूजा में अब एक महीने से भी कम समय शेष रह गया है। इस बीच आरजी कर की घटना को लेकर राज्यभर में जारी प्रदर्शन का असर दुर्गापूजा पर कहीं न कहीं पड़ता दिख रहा है। एक ओर जहां इस घटना को लेकर कुछ पूजा कमेटियों ने राज्य सरकार द्वारा दिये गये अनुदान को ठुकरा दिया है तो वहीं कुछ पूजा कमेटियां ऐसी भी हैं जो इस बार इस घटना का विरोध करते हुए पूजा तो करेंगी पर गाजा बाजा से परहेज करेंगी। वहीं कुछ कमेटियां ऐसी भी हैं जिनका मनना है कि जो हुआ वह बहुत ही गलत है लेकिन इसका असर दुर्गापूजा पर नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि दुर्गापूजा अपने स्थान पर है और प्रदर्शन अपने स्थान पर। दुर्गापूजा के दौरान कमाये गये रुपये से कई लोगों की रोजी रोटी चलती है इसलिए पूजा में कटौती करना अच्छा नहीं है। ऐसे में आरजी कर घटना को लेकर राज्यभर में जारी प्रदर्शन के बीच दुर्गापूजा पंडाल पर क्या असर पड़ेगा इसे लेकर सन्मार्ग ने कुछ पूजा कमेटियों से बात की। उनका कहना है कि चूंकि दुर्गापूजा की थीम, मजदूर और बाकी तैयारी लगभग 10 महीनों पहले ही तय कर दी जाती है इसलिए इसका पूजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा पर गाजा बाजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में थोड़ी कमी होगी।
विसर्जन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नहीं होगी धूमधाम
मुदियाली क्लब के सेक्रेटरी मनोज साव ने बताया कि पूजा जैसे होती थी वैसे ही होगी उसमें कोई कटौती नहीं की जाएगी और इसका पूजा पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि दुर्गापूजा की तैयारी 10 महीने पहले से ही श ुरू कर दी जाती है इसलिए अब इसमें कुछ भी कटौती करने से नुकसान ही होगा। हालांकि इसके साथ हम जो सांस्कृतिक कार्यक्रम और विसर्जन करते थे वह साधारण तरीके से करेंगे। इसमें कोई धूमधाम नहीं की जायेगी। बेहाला चौरास्ता सबेदाबागान क्लब के सदस्य ने कहा कि उन्होंने पहले ही तिलोत्तमा के लिए न्याय की मांग पर सरकारी अनुदान लेने से इनकार कर दिया है। साथ ही वे इस बार पूजा भी साधारण तरीके से करेंगे। इसमें न ही संगीत होगी और ना ही कोई धूमधाम।
जो हुआ वह गलत है, पर पूजा अपनी जगह है और प्रदर्शन अपनी जगह
भवानीपुर 75 पल्ली के सेक्रेटरी सुबीर दास ने कहा कि दुर्गापूजा की तैयारी महीनों पहले से शुरू हो जाती है इसलिए इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम जैसे पूजा करते आ रहे हैं वैसे ही करेंगे क्योंकि अगर हम कोई भी विधि (जैसे भोग, कन्यापूजन) को पूरा नहीं करेंगे तो हमारी पूजा अधूरी रह जाएगी इसलिए हम पूजा विधि विधान के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि आरजी कर की घटना बेहद दुखद है, जो हुआ वह बहुत ही गलत है। हम भी पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हैं पर इसे लेकर दुर्गापूजा में कटौती करना उचित नहीं है क्योंकि पूजा करनी जगह है और प्रदर्शन अपनी जगह है। इस पूजा का इंतजार कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें साल भर रहता है क्योंकि इससे उनकी रोजी रोटी चलती है। अहिरीटोला दुर्गोत्सव समिति के सदस्य सुरोजीत दे ने कहा कि आरजी कर की घटना का असर पूजा पर नहीं पड़ेगा। हम जैसे पूजा करते थे वैसे ही करेंगे।