कोलकाता : कोलकाता में दुर्गा पूजा हर साल एक भव्य उत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह त्योहार देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है, जो शक्ति और विजय की देवी मानी जाती हैं। कोलकाता में दुर्गा पूजा की तैयारी पूरे साल चलती है, और यह त्योहार शहर की सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा है।
उत्सव की तैयारी: दुर्गा पूजा की तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है। पंडालों की सजावट, मूर्तियों की स्थापना और पूजा सामग्री की व्यवस्था के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है। कलाकार और शिल्पकार पंडालों और मूर्तियों को बेहद खूबसूरती से सजाते हैं।
पूजा विधि: पूजा के दिन, देवी दुर्गा की मूर्तियों को विशेष रूप से सजाया जाता है। श्रद्धालु पूजा पंडालों में जाते हैं, जहां मंत्रों और भजनों के साथ पूजा की जाती है। पूजा के दौरान देवी दुर्गा की आरती की जाती है और उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। नृत्य, संगीत, नाटक और अन्य रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ये कार्यक्रम त्योहार की खुशी को और भी बढ़ाते हैं और लोगों को मनोरंजन प्रदान करते हैं।
समारोह की समाप्ति: त्योहार के अंतिम दिन, जिसे विजयदशमी कहते हैं, देवी दुर्गा की मूर्तियों को जुलूस के साथ विसर्जित किया जाता है। यह एक भावुक और मनमोहक दृश्य होता है, जिसमें लोग श्रद्धा और खुशी के साथ देवी की विदाई करते हैं।
कोलकाता की दुर्गा पूजा एक अद्वितीय और रंगीन उत्सव है, जो हर साल लाखों लोगों को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर से जोड़ता है। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि शहर की जीवंतता और विविधता को भी दर्शाता