कोलकाता : डीजी यात्रा का कमाल अब एयरपोर्ट पर दिखने लगा है। एक तो बड़ी आसानी से यात्रियों को बोर्डिंग गेट तक इंट्री बिना लाइन के मिल रही हैं, वहीं एयरलाइंसों को भी इसका फायदा हो रहा है। 5 में से 3 उड़ानों में लगने वाला बोर्डिंग टाइम अब आधा हो गया है। डिर्पाचर गेटों पर डीजीयात्रा बोर्डिंग चैनलों के चालू होने का मतलब है कि एयरोब्रिज वाले टर्मिनल बोर्डिंग गेटों पर यात्रियों के लिए एक मैनुअल चैनल के बजाय, अब दो अतिरिक्त डिजीयात्रा द्वार हैं। इसलिए, एक के बजाय तीन लोगों को एक समय में बोर्डिंग के लिए मंजूरी दी जा सकती है। एयरपोर्ट अधिकारी ने बताया कि सभी 18 बोर्डिंग गेटों पर दो डिजी यात्रा चैनल स्थापित किए गए हैं, इंडिगो द्वारा नियमित रूप से उपयोग किए जाने वाले तीन गेटों पर 6 चैनल वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे हैं। संयोग से, एयरलाइन लगभग 60% उड़ानें कोलकाता से संचालित करती है।ऐप इस्तेमाल करने वाले यात्रियों की संख्या 12000 से अधिक हुई डीजीयात्रा एक अत्याधुनिक प्रणाली है जिसे यात्रियों के लिए एयरपोर्ट के अनुभव को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजाइन किया गया है। 12000 यात्री व इससे अधिक की संख्या में यात्री इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। चेहरे की पहचान तकनीक का लाभ उठाकर, यह यात्रियों को दस्तावेजों की आवश्यकता के बिना विभिन्न चेक प्वाइंट्स के माध्यम से नेविगेट करने में सक्षम बनाता है। डीजीयात्रा के साथ, एक यात्री का चेहरा उनका “बोर्डिंग पास और आईडी” के रूप में कार्य करता है, जिससे चेक-इन, सुरक्षा जांच और बोर्डिंग की प्रक्रिया सरल हो जाती है। यह प्रणाली मोबाइल प्लेटफॉर्म पर यात्रा दस्तावेजों और पहचान को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने की सुविधा भी प्रदान करती है। डीजीयात्रा का इस्तेमाल न केवल समय बचाता है बल्कि एयरपोर्ट की प्रक्रियाओं की समग्र दक्षता को भी बढ़ाता है।
31 मार्च को शुरू हुई थी यह सेवा
यह सुविधा 31 मार्च को कोलकाता एयरपोर्ट पर शुरू की गई थी। पहले चरण में प्रवेश द्वार और सुरक्षा जांच के साथ शुरू हुई थी, इसके बाद बोर्डिंग गेट पर भी मशीनें स्थापित की गयी थी। यात्रियों के बीच डीजीयात्रा का उपयोग भी बढ़ गया है और कोलकाता से उड़ान भरने वाले लगभग आधे यात्री यात्रा के पेपरलेस मोड का उपयोग कर रहे हैं।