Underwater Metro: स्टेशनों पर साइनेज को लेकर यात्रियों को हो रही समस्या | Sanmarg

Underwater Metro: स्टेशनों पर साइनेज को लेकर यात्रियों को हो रही समस्या

कोलकाता : लोगों के कई वर्षों का इंतजार गत शुक्रवार यानी 15 मार्च को पूरा हो गया, जब लोगों ने कई सालों से बनते देख रहे अंडररिवर मेट्रो पर सफर पहली बार किया। मंगलवार को इस अंडररिवर मेट्रो का यात्रियों को सेवा देते हुए चौथा दिन था। अब भी इस नवनिर्मित अंडररिवर मेट्रो को लेकर लोगों का उत्साह व उमंग चरम पर है। इस ऐतिहासिक अंडररिवर मेट्रो में घूमने वाले लोगों का दौर अब भी चालू है। सभी स्टेशनों पर काफी तादाद में लोगों की भीड़ देखी जा रही है। टिकट काउंटर गेट से लेकर मेट्रो के प्लेटफार्म तक सभी जगहों पर लोगों की लंबी कतारें लगी हुई थी। मगर लोगों को स्टेशनों पर साइनेज को लेकर काफी समस्या हो रही है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि पुराने एसप्लानेड मेट्रो स्टेशन से नए एसप्लानेड मेट्रो स्टेशन की ओर किस रास्ते से जाना है। वहीं नए एसप्लानेड मेट्रो स्टेशन पर पहुंच जाने पर किस तरफ से वह प्लेटफार्म पर जाएंगे इसे लेकर लोग बहुत कंफ्यूज हैं। प्लेटफार्म की बाईं या दाईं तरफ से मेट्रो पकड़ना हैं, यह भी यात्रियों के लिए एक बहुत बड़ा प्रश्न बन गया है। हालांकि साइनेज की समस्या को मद्देनजर रखते लोगों को रास्ता दिखाने के लिए पर्याप्त पुलिस तैनात है।

लोगों के लिए मेट्रो में कुछ खास सुविधाएं

नदी के नीचे की इस यात्रा को और यादगार बनाने के लिए मेट्रो अधिकारियों ने विशेष रनिंग कमेंट्री की व्यवस्था की है, जिसमें ट्रेन के हावड़ा और महाकरण स्टेशनों से रवाना होने पर इस सुरंग की मुख्य विशेषताओं और इसके महत्व और निर्माण के इतिहास के बारे में लोगों को बताया जाएगा। रेक के अंदर स्क्रीन पर यात्रियों के लिए विशेष वीडियो भी प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही टिकट काउंटर पर उमड़ती भीड़ को देखते हुए लोगों को अब मेट्रो राइड कोलकाता ऐप द्वारा टिकट खरीदने की अपील की जा रही है।

क्या कहना है लोगों का

हावड़ा मैदान की निवासी नेहा ने सन्मार्ग से बातचीत के दौरान बताया कि वह रोजाना इस मेट्रो से सफर कर रही हैं, सुबह करीबन 9 से 11 और शाम में 4 से 6 बजे तक ऑफिस टाइम में स्टेशन ऐसा प्रतीत होता है जैसे की पैर रखने कि जगह नहीं हो। एडवोकेट अभिजीत ने कहा कि ऑफिस जाने में बहुत सुविधा होती हैं, लेट होने का डर भी नहीं रहता। उन्होंने कहा कि मेट्रो स्टेशनों पर लिखी ग्रीन लाइन से लोगों को रास्ते की सही स्पष्टता नहीं मिल रही है। प्रतिमा ने कहा कि इस रूट में 15 मिनट पर मेट्रो के चलने की वजह से लोगों की भीड़ बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इस मेट्रो के बन जाने से यातायात काफी आसान हो गया है।

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