आज से ग्रीन फायर क्रैकर्स के लिये दी जायेगी मैन्यूफैक्चरर्स को ट्रेनिंग | Sanmarg

आज से ग्रीन फायर क्रैकर्स के लिये दी जायेगी मैन्यूफैक्चरर्स को ट्रेनिंग

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ग्रीन फायर क्रैकर्स 30% कम प्रदूषण वाले होते हैं
300 मैन्यूफैक्चरर्स से होगी शुरुआत, कुल 50,000 निर्माताओं को ट्रेनिंग
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आज यानी बुधवार से ग्रीन फायर क्रैकर्स के लिये मैन्यूफैक्चरर्स को ट्रेनिंग देने की शुरुआत की जायेगी। आज पटाखा हब नूंगी के चिंगड़ीपोता में 300 मैन्यूफैक्चरर्स के साथ ट्रेनिंग की शुरुआत की जायेगी और चरणबद्ध् तरीके से कुल 50,000 मैन्यूफैक्चरर्स को ट्रेनिंग दी जायेगी। आज राज्य सरकार के सहयोग से शुरू होने वाली प्रशिक्षण कार्यशाला में केंद्र सरकार की विशेष टीम प्रशिक्षण देगी। इसमें एमएसएमई विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के अलावा केंद्रीय संस्था नीरी के डायरेक्टर जनरल व पेसो के अधिकारी के अलावा पीसीबी के अधिकारी मौजूद रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) ने ग्रीन फायर क्रैकर्स के लिये फॉर्मूलेशन तैयार किया है जिससे 30% कम प्रदूषण होगा। कोर्ट की ओर से पटाखों पर बैन लगाया गया है और कहा गया है कि ग्रीन फायर क्रैकर्स कुछ चुनिंदा दिनों में तय समय के लिये ही जलाये जा सकेंगे। वर्ष 2018 में ही इस संबंध में ऑर्डर पास हुआ था, लेकिन अब तक राज्य में केवल दक्षिण 24 परगना के महेशतला में एक वैध ग्रीन फायर वर्क्स मैन्यूफैकचरर है। दिवाली के समय में कोलकाता व आस-पास में अधिकतर ग्रीन क्रैकर्स तमिलनाडु के शिवकाशी से आते हैं। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद गठित निगरानी टीम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और विभिन्न एजेंसियों के अधिकारी शामिल हैं जिन्हें शहर के सरकार अनुमोदित बाजी बाजारों में कई प्रकार के नियमों के उल्लंघन का पता चला था।
कम से कम 15 कट्ठा जमीन वालों को दी जायेगी ट्रेनिंग
इस बारे में सारा बांग्ला आतिशबाजी उन्नयन समिति के चेयरमैन बाबला राय ने बताया कि जिनके पास कम से कम 15 कट्ठा जमीन है, उन निर्माताओं को ही ट्रेनिंग दी जायेगी। इसमें बताया जायेगा कि किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल कर ग्रीन क्रैकर बनाना है। यह ट्रेनिंग 30 जुलाई तक चलेगी और इस दौरान 300 लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। दुकानदारों को ट्रेनिंग नहीं दी जायेगी क्योंकि उन्हें केवल पटाखे बेचना है। अगले चरण में जो क्लस्टर बनायेंगे, उन्हें ट्रेनिंग दी जायेगी।

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