मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा…

कोलकाताः मकर संक्रांति का त्योहार रविवार 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति को संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने, सूर्य को अर्घ्य देने, पूजा करने, दान करने के साथ ही तिल, गुड़, रेवड़ी आदि का सेवन करने का महत्व है। इस दिन खिचड़ी का सेवन करना अनिवार्य माना जाता है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी पकाने, खाने और दान करने का भी महत्व है।

बाबा गोरखनाथ को लगाया जाता है खिचड़ी का भोग

मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा बहुत ही पुरानी है। इससे जुड़ी कथा के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी और उसकी सेना के विरुद्ध बाबा गोरखनाथ और उनके शिष्यों ने भी खूब संघर्ष किया। युद्ध के कारण योगी भोजन पकाकर खा नहीं पाते थे। इस कारण योगियों की शारीरिक शक्ति कमजोर होती जा रही थी। तब बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और हरी सब्जियों को मिलाकर एक व्यजंन तैयार किया, जिसे खिचड़ी का नाम दिया गया। यह कम समय और कम मेहनत में बनकर तैयार हो गया और इसके सेवन से योगी शारीरिक रूप से ऊर्जावान भी रहते थे। खिलजी जब भारत छोड़कर गए तो योगियों ने मकर संक्रांति के उत्सव में प्रसाद के रूप में खिचड़ी बनाई। इस कारण हर साल मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाई जाती है और बाबा गोरखनाथ को भोग लगाकर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

 

शेयर करें

मुख्य समाचार

Weather Update: बंगाल में भीषण गर्मी के बीच आज 3 जिलों में बदलेगा मौसम, कहां-कहां होगी बारिश ?

कोलकाता: बंगाल में लोगों को लू और गर्म हवा का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग की मानें तो गर्मी की लहर अभी कम आगे पढ़ें »

SSC Recruitment: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट करेगा मामले की सुनवाई

नई दिल्ली: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। इस मामले की सुनवाई अब कल मंगलवार को होगी। चीफ आगे पढ़ें »

ऊपर