भर्ती घोटाला: अदालत ने बंगाल सरकार को दिया 23 अप्रैल तक का समय, उसके बाद… | Sanmarg

भर्ती घोटाला: अदालत ने बंगाल सरकार को दिया 23 अप्रैल तक का समय, उसके बाद…

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को राज्य में स्कूल नौकरी घोटाला मामले में कई आरोपी व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के संबंध में 23 अप्रैल तक निर्णय लेने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जो उच्च न्यायालय के आदेश पर कथित घोटाले की जांच कर रहा है, उसका मंजूरी देने के लिए आवेदन डेढ़ साल से अधिक समय से लंबित है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि अभियोजन एजेंसी को इसी परिस्थिति में काम करना है, तो क्या उसके पास समान अवसर होंगे? देरी पर नाखुशी व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुख्य सचिव को 23 अप्रैल तक स्कूल नौकरी घोटाला मामले में आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर ‘स्वतंत्र और सकारात्मक’ निर्णय लेने का निर्देश दिया।

खंडपीठ राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और एसएससी के पूर्व अध्यक्ष सुबीर भट्टाचार्य की जमानत याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई कर रही है। अदालत के पहले के निर्देश के मद्देनजर मुख्य सचिव ने इसके समक्ष एक हलफनामे के रूप में अभियोजन को मंजूरी देने के मुद्दे पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। पीठ ने रिपोर्ट में मंजूरी देने के बारे में कोई उल्लेख नहीं होने का जिक्र करते हुए नाखुशी जताई। इसने कहा, ‘हम यह पाते हैं कि मुख्य सचिव इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल करने में विफल रहे तथा एक संक्षिप्त और अधूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की।’

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