भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS Sandhayak, जासूसी जहाजों को मिलेगा करारा जवाब | Sanmarg

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS Sandhayak, जासूसी जहाजों को मिलेगा करारा जवाब

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पहले सर्वे वेसल लार्ज जहाज INS संधायक (यार्ड 3025),को नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इस जहाज का काम सुरक्षित समुद्री नेविगेशन को सक्षम करना है। इसके लिए ये बंदरगाहों, नौवहन चैनलों/मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का बड़े पैमाने पर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा। इसके अलावा जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को अंजाम देने में सक्षम है। INS संधायक गहरे पानी के मल्टी-बीम इको-साउंडर्स, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, दूर से संचालित वाहन, साइड स्कैन सोनार, डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, उपग्रह-आधारित पोजिशनिंग सिस्टम, स्थलीय सर्वेक्षण उपकरण सहित अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस है। जहाज दो डीजल इंजनों से चलता है। ये 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है। इसमें लागत के हिसाब से 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री है।

कई टेस्ट से गुजर चुका है जहाज

जहाज की आधारशिला 12 मार्च, 2019 को रखी गई थी और जहाज को 05 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था। यह बंदरगाह और समुद्र में कई टेस्ट से गुजर चुका है। इसके बाद इसे चालू किया जाएगा। जहाज का विस्थापन 3,400 टन और कुल लंबाई 110 मीटर और बीम 16 मीटर है। इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस संधायक महासागरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और देश के साथ-साथ दूसरों की रक्षा करने के दोहरे उद्देश्य को हासिल करने में काफी मदद करेगा।

नेवी एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि ऑर्डर के तहत 66 जहाजों और पनडुब्बियों में से 64 का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि नौसेना इस क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिससे शिपयार्डों की क्षमता और श्रमिकों के साथ-साथ सहायक उद्योगों में कार्यरत लोगों की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी होगी।

 

Visited 26 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर