अहमदाबाद : अहमदाबाद में हाटकेश्वर ब्रिज को 2017 में लगभग 42 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। हालांकि, केवल चार वर्षों में ही यह ब्रिज जर्जर हो गया और 2022 से इसे वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था। वर्तमान में, इस ब्रिज को तोड़ने के लिए नया टेंडर जारी किया गया है, जिसके लिए 52 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा। हाटकेश्वर ब्रिज को तोड़ने के लिए कुल चार बार टेंडर जारी किया गया। पहले दो बार कोई ठेकेदार इसके लिए रुचि नहीं दिखा पाया। तीसरी बार, महाराष्ट्र के एक ठेकेदार ने रुचि दिखाई, लेकिन अंतिम समय में वह भी पीछे हट गया। चौथे और अंतिम टेंडर में राजस्थान के ठेकेदार विष्णुप्रसाद पुंगालिया ने प्रस्ताव पेश किया है। अब इस ठेकेदार को 15 दिनों के भीतर काम सौंपा जाएगा।
ब्रिज की जर्जर अवस्था
ब्रिज के निर्माण के समय इसे 100 साल की उम्र का बताया गया था, लेकिन चार साल में ही यह जर्जर हो गया। ब्रिज के खराब होने के कारण उसके नीचे के सर्विस रोड पर बड़े पैमाने पर बरसाती पानी भर गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ब्रिज की जर्जर स्थिति पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच की गई, जिसमें पता चला कि निर्माण में इस्तेमाल किए गए सामग्री की गुणवत्ता खराब थी। इस बात की पुष्टि होने पर मनपा ने ठेकेदार, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंपनी, और मनपा के अभियंताओं के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है।
भविष्य की योजना
ब्रिज को तोड़ने का काम अजय इन्फ्रा नामक कंपनी द्वारा पूरा किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 52 करोड़ रुपये होने की संभावना है। पिछले दो वर्षों से, मनपा इस ब्रिज को तोड़ने के लिए ठेका देने का प्रयास कर रही थी, और अब अंततः ठेकेदार की नियुक्ति के बाद यह कार्य शुरू किया जाएगा। हाटकेश्वर ब्रिज के जर्जर होने और इसके तोड़ने की प्रक्रिया ने स्थानीय निवासियों और प्रशासन के लिए कई चुनौतियाँ खड़ी की हैं। अब, ब्रिज के तोड़ने और नए निर्माण के लिए किए जा रहे उपायों से स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।