गुवाहाटी: असम में सरकारी कर्मचारियों के लिए शादी को लेकर राज्य सरकार ने नया नियम बनाया है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार(27 अक्टूबर) को कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को दूसरी शादी की अनुमति लेनी होगी। ऐसे में भले ही उनका धर्म इसकी इजाजत क्यों न देता हो। असम सरकार ने एक हालिया आदेश में अपने कर्मचारियों को उनके जीवनसाथी के जीवित रहने की स्थिति में दूसरी शादी करने से प्रतिबंधित किया है। इस आदेश के बाद भी यदि ऐसा होता है तो उस व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
हिमंत शर्मा ने सरकारी कार्यालय में संवाददाताओं से कहा ‘यह एक पुराना परिपत्र है। असम सरकार का कोई कर्मचारी हमारे सेवा नियमों के दृष्टिकोण से दूसरी शादी करने का हकदार नहीं है। यदि कुछ धर्म आपको दूसरी शादी करने की अनुमति देते हैं तब भी नियमानुसार आपको राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। अब राज्य सरकार आपको अनुमति दे सकती है नहीं भी दे सकती है। हमें उन विवादों का हल करने में बहुत कठिनाई हुई है। कई विधवाएं परस्पर विरोधी दावों के कारण पेंशन से वंचित हो गई हैं। यह नियम पहले से था हमने इसे लागू नहीं किया था। अब हमने इसे लागू करने का निर्णय किया है।’
‘पूर्व की कांग्रेस सरकार के नियम को किया लागू’
शर्मा ने आगे कहा कि ‘यह नियम भाजपा-नीत सरकार ने नहीं बनाया है, बल्कि इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने लाया था। कार्मिक विभाग ने 20 अक्टूबर को एक कार्यालय ज्ञापन के जरिये कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि जीवनसाथी के जीवित रहने की स्थिति में दूसरी शादी करने से पहले उन्हें सरकार की अनुमति लेनी होगी। कार्यालय ज्ञापन में अधिकारियों से यह भी कहा है कि इस तरह के मामले सामने आने पर वे आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें।’