Kolkata News : जयंत का ‘शीशमहल’ : क्या प्रशासन ने ‘मूंद’ ली थीं आंखें? | Sanmarg

Kolkata News : जयंत का ‘शीशमहल’ : क्या प्रशासन ने ‘मूंद’ ली थीं आंखें?

बेलघरिया : अड़ियादह तालतल्ला क्लब के कर्णधार जयंत सिंह को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। वहीं अब सामने आया है कि छोटे से खटाल व दूध व्यवसाय पर निर्भर करने वाला जयंत सिंह कमरहट्टी पालिका के 10 नंबर वार्ड मौसमी मोड़ पर एक ​शीशमहल खड़ा कर रहा था। बताया जा रहा है कि तीन तल्ले का यह मकान पिछले 2 सालों से बन रहा है जिसे लेकर पालिका व प्रशासन पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार उनकी नाम के नीचे यह मकान कैसे बन रहा था? किसी भी 3 तल्ला मकान के बनने में कमसे से कम 6 महीने का समय तो लग ही जाता है तो आखिरकार बिना बिल्डिंग प्लान के और तालाब के एक हिस्से को पाटकर यह आलीशान मकान बनाये जाने का पता प्रशासन को क्यों नहीं चला। प्रशासन की नजर में जयंत पहले ही हिस्ट्रीशिटर है और वह वह एक जनबहूल इलाके में एक आलीशान मकान बना रहा था तो ऐसे में सवाल उठता ही है कि क्या अब तक पालिका व प्रशासन ने अपनी आंखे मूंद ली थी। या फिर वे भी किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे थे। पालिका व प्रशासन की नाक के नीचे ही यह अवैध मकान आखिरकार कैसे बना? क्या ऐसा हो सकता है कि एक बिना प्लान के मकान बन रहा हो और पालिका को इसकी जानकारी ही ना हो ? यह सवाल अड़ियादह के लोगों का है। जयंत के इस आलीशान महल को दूर से देखकर ही कहा जा सकता है कि वह किसी साधारण व्यक्ति का नहीं हो सकता। आसपास पुराने मकानों के बीच गत 2 साल से वहां मकान निर्माण का काम चल रहा है जिसे लेकर आसपास के लोगों ने भी कहा कि जिन लोगों का मकान में आना-जाना था, उन्हें कई प्रभावशालियों के साथ इलाके में भी देखा जाता था। कईयों ने कहा कि प्रभावशाली जयंत का यह अवैध निर्माण भी तो किसी प्रभावशाली की मदद से ही तैयार हो रहा था, उनकी भी सच्चाई सामने आनी चाहिए।

मकान के निर्माण को लेकर कोई बिल्डिंग प्लान नहीं

मौसमी मोड़ में बने शीशों से घिरे से इस मकान को बनाये जाने को लेकर यह सच सामने आ ही गया है कि इस मकान के निर्माण को लेकर कोई बिल्डिंग प्लान नहीं बनवाया गया था। यह दावा खुद पालिका के चेयरमैन गोपाल साहा ने ही किया है। मकान को लेकर यह भी आरोप है कि पीछे तालाब के एक हिस्से को पाटकर मकान का एक हिस्सा बनाया गया है। इस आलीशान मकान को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां किसी को रहते हुए तो देखा नहीं गया मगर वहां महंगी-महंगी गाड़ियां और बाइकों को आनाजाना लगा रहता था। जयंत खुद भी इस मकान में चल रहे काम का निरीक्षण करता था। अड़ियादह के धोबीतल्ला में जयंत का आज भी पुश्तैनी घर है जहां आज भी खटाल चलता है। इलाके के लोगों ने बताया कि सालों से सिंह परिवार यहां रह रहा है हालांकि इस घर में जयंत को ज्यादा आना जाना नहीं होता था। वहीं जर्जर मकान के गेट पर दो ओर लगे दो सीसीटीवी तो कई और सवाल खड़े करते हैं कि आखिरकार इस घर में सीसीटीवी की क्या जरूरत थी। घरवालों से बात करने की कोशिश भी की गयी मगर कोई भी बाहर नहीं आया। स्थानीय सूत्रों की मानें तो उनका कहना है कि दूध का व्यवसाय करने वाले सिंह परिवार का बेटा जयंत शुरू से थोड़े रौब में रहा करता था। इलाके में एक राउडी के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाला जयंत फिर इलाके के प्रभावशाली प्रमोटर से जुड़ा। उसी के जरिये नेताओं के संपर्क में आने लगा। इसके बाद वह खुद भी प्रमोटिंग के व्यवसाय से जुड़ गया और उसने अड़ियादह तालतल्ला स्पोर्टिंग क्लब को भी हथिया लिया। अभियुक्त पर हत्या की कोशिश, जानलेवा हमला करने, मारपीट के साथ ही क्लब में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है।

निर्माण अवैध

कमरहट्टी पालिका के चेयरमैन गोपाल साहा ने बताया कि वह जमीन सरकारी नहीं है हालांकि उसके मालिक के संबंध में हमें जानकारी उपलब्ध नहीं है। हमने दाग नंबर को देख बीएलआरओ से इसके असली मालिक के बारे में पता करने को कहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस मकान को लेकर कोई बिल्डिंग प्लान नहीं बनवाया गया और ना ही पालिका में कोई दस्तावेज जमा किये गये हैं अतः इस निर्माण को हम अवैध ही मानकर चल रहे हैं।

 

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