Kolkata News : फ्लैट से आ रही थी बदबू…

कोलकाता : कोलकाता से बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां के एक अपार्टमेंट से फांसी के फंदे पर 3 लटकती हुई लाशें मिली हैं। तीनों मृतक एक ही परिवार के थे। तीनों रिश्ते में पिता, मां और पुत्र हैं। नरेंद्रपुर थानांतर्गत गरिया स्टेशन के पास उत्तर बालिया क्षेत्र के एक बंद फ्लैट के अंदर से मिले शवों की पहचान स्वपन मोइत्रा (75), अपर्णा मोइत्रा (69), सुमनराज मोइत्रा (39) हैं। स्वपन मोइत्रा पेशे से इंजीनियर थे। कुछ दिन पहले उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी। अर्पणा गृहणी थी। वह उम्रजनित बीमारियों से जूझ रही थी। सुमनराज बेरोजगार होने के कारण मानसिक रूप से तनाव में था। परिवार गत 9 साल से इलाके में रहता था। इन लोगों का कोई रोजगार नहीं था। परिवार की रोजी-रोटी परिजनों के आर्थिक सहयोग से चलती थी। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक गत सोमवार से परिवार का कोई सदस्य घर के बाहर दिखाई नहीं दे रहा था।
समाज के लोगों से रहते थे अलग-थलग
इस बीच उनके फ्लैट से बदबू निकलने पर लोगों ने घटना की सूचना नरेंद्रपुर थाने की पुलिस को दी। नरेंद्रपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची तीनों के शव अलग अलग फांसी के फंदे से लटक रहे थे। स्थानीय निवासी पी के मजुमदार ने कहा कि मोइत्रा परिवार स्थानीय लोगों से बहुत ही कम मिलता-जुलता था। स्वपन के रिश्तेदार दिलीप मित्रा ने कहा कि उनसे फोन पर अंतिम बार 30 दिसंबर को बात हुई थी। इसके बाद कोई पता नहीं चल पा रहा था।
फेसबुक पर किया था लाइव
तीनों मृतकों ने फेसबुक पर वीडियो को लाइव कर अपनी ‘मौत’ की जानकारी पहले ही दे दी थी। देखा जाये तो यह घटना उनके मानसिक विकार को दर्शाती है। परिवार के बेटे सुमनराज ने करीब 6 दिनों पहले एक वीडियो बनाया था। इसमें उसने बताया कि उसे सब पागल बुलाते हैं। उसे मानसिक रूप से अवसादग्रस्त बोलते हैं। इसके कारण उसने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उसने लाइव में यह भी कहा कि पिछले 9 सालों से उसे एक घर में रखा गया था। किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा था। इसके अलावा कोई काम नहीं मिलने से परेशान होने की बात कही। उसने माता-पिता के प्रति काफी चिंता जाहिर की थी। वहीं, उसके बाद ही घटी इस घटना के बाद इलाके के हर लोग आश्चर्य​चकित है। इस घटना के विषय में सन्मार्ग की टीम मौके पर पहुंची और लोगों से बातचीत की।

क्या कहना है वार्ड सेक्रेटरी

राजपुर सोनारपुर पालिका के वार्ड नंबर एक के सेक्रेटरी अतुल सरकार ने कहा कि मृतक परिवार कभी भी किसी मदद के लिए नहीं आया था। उन्होंने घटना को लेकर बहुत ही अफसोस जताया।

क्या कहना है स्थानीय लोगों का

मृतक स्वपन की पड़ाेसी स्वर्णलता पात्र ने बताया कि परिवार पड़ाेसियों से बहुत ही कम बात करता था। वे लोगों को अक्सर दरकिनार करते थे। पीके मजुमदार ने कहा कि गत 8 साल में मात्र दो ही बार मृतक दंपति से बातचीत हुई है। यह परिवार किसी से कोई संपर्क नहीं रखता था। मृतक परिवार के जो परिजन थे वे उन्हें आर्थिक मदद करते थे ता​कि वे अपना भरण पोषण कर सके।

 

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