अब युद्धक्षेत्र में सैनिकों की जगह लेंगे रोबोट | Sanmarg

अब युद्धक्षेत्र में सैनिकों की जगह लेंगे रोबोट

कैनबरा: भविष्य में युद्धक्षेत्रों में सैनिकों की जगह अब रोबोट ले सकते हैं। ऑस्ट्रेलियाई सेना ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मानवरहित रोबोट “जीयूएस” (ग्राउंड अनक्रूड सिस्टम) का परीक्षण शुरू कर दिया है। यह रोबोट विशेष रूप से जोखिम भरे इलाकों में सैनिकों की भूमिका निभाने के लिए डिजाइन किया गया है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि पिलबारा रेजिमेंट के सैनिक इस रोबोट का परीक्षण कर रहे हैं। यह रेजिमेंट ऑस्ट्रेलियाई सेना के रीजनल फोर्स सर्विलांस ग्रुप (आरएफएसजी) का हिस्सा है। मंत्रालय के अनुसार, जीयूएस पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया में विकसित किया गया है। इसमें लगे कैमरे और सेंसर 30 दिनों तक निरंतर निगरानी कर सकते हैं, और बैटरी की क्षमता कम होने पर एक ऑन-बोर्ड तरल ईंधन जनरेटर इसे रिचार्ज कर देगा।

नई तकनीक की दिशा में…

सेना के फ्यूचर लैंड वारफेयर के महानिदेशक ब्रिगेडियर जेम्स डेविस ने कहा कि रक्षा अधिकारी नई तकनीक को अपनाने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। जीयूएस गतिशील वस्तुओं का पता लगा सकता है और इस जानकारी को रिमोट ऑपरेटर को भेज सकता है। इसमें निगरानी क्षेत्र का विस्तार करने की क्षमता भी है और यह कठिन मौसमी हालात में सैनिकों को सुरक्षित निकालने में भी सक्षम है।

जीयूएस का विकास….

यह रोबोट ऑस्ट्रेलियाई सेना और उसके औद्योगिक साझेदारों द्वारा मिलकर विकसित किया गया है, और इसका रिसर्च व डेवलपमेंट विक्टोरियन शहर यिनार में चल रहा है। प्रारंभ में जीयूएस का विकास फेडरेशन यूनिवर्सिटी के मेक्ट्रोनिक्स शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था, जिसे अफ्रीका के राष्ट्रीय उद्यानों में सशस्त्र घुसपैठियों से रेंजर्स की रक्षा के लिए तैयार किया गया था। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई सेना की बढ़ती दिलचस्पी ने इसके सैन्य उपयोग की ओर ध्यान केंद्रित किया।

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