“आप चक्रव्यूह बनाने का काम करते हैं और हम तोड़ने का” | Sanmarg

“आप चक्रव्यूह बनाने का काम करते हैं और हम तोड़ने का”

नई दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया। राहुल गांधी ने अभिमन्यू को चक्रव्यूह में फंसाकर मारे जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जो अभिमन्यू के साथ किया गया था, वही हिंदुस्तान के लोगों के साथ किया जा रहा है। आइए जानते हैं राहुल गांधी के भाषण की खात बातें-

’21वीं सदी में नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया’

राहुल गांधी ने कहा कि हजारों साल पहले कुरूक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को ‘चक्रव्यूह’ में फंसाया और उन्हें मार डाला। मैंने थोड़ा शोध किया और पता चला कि ‘चक्रव्यूह’ को ‘पद्मव्यूह’ के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘कमल निर्माण’। ‘चक्रव्यूह’ कमल के आकार का है। 21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है, वो भी कमल के फूल के रूप में। इसका चिन्ह प्रधानमंत्री अपने सीने पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है। युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय आज भी ‘चक्रव्यूह’ के केंद्र में हैं, जिसे छह लोग नियंत्रित करते हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी। स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा कि अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ 3 नाम लूंगा।

एमएसपी की गारंटी का उठाया मुद्दा

राहुल गांधी ने किसानों की बात करते हुए सरकार पर जमीन अधिग्रहण कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपने किसानों के लिए क्या किया, तीन काले कानून। किसान आपसे एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग कर रहे हैं, आपने उनको बॉर्डर पर रोक रखा है। किसान मुझसे मिलने यहां आना चाहते थे। आपने उनको यहां आने नहीं दिया। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि सदन में गलत ना बोलें। राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं वहां गया तब उन्हें आने दिया गया। स्पीकर ने कहा कि आप उनसे मिले, इसमें सदन की एक मर्यादा का उल्लंघन हुआ। सदन में सदस्य के अलावा कोई बाइट नहीं दे सकता। आपकी मौजूदगी में उन्होंने बाइट दी। राहुल गांधी ने इस पर कहा कि ये मुझे मालूम नहीं था। उन्होंने कहा कि अन्नदाता जो चाहते हैं, एमएसपी की लीगल गारंटी, ये इतना बड़ा काम नहीं है। सरकार बजट में ये कर देती तो किसान चक्रव्यूह से निकल जाते। आपने जो काम नहीं किया, हम किसानों से कहना चाहते हैं कि हम ये करके देंगे।

‘मिडिल क्लास के पीठ और छाती में छुरा मारा’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, मिडिल क्लास ने प्रधानमंत्री को सपोर्ट किया, लेकिन बजट के बाद हालात बदले हैं। पीएम मोदी ने कोविड के समय मिडिल क्लास से थाली बजवाई और लाइट जलवाई। अब इस बजट में मिडिल क्लास के एक छुरा पीठ में मारा और दूसरा छुरा छाती में। इंडेक्शन को कैंसिल कर पीठ में छुरा मारा और फिर कैपिटल गेन्स टैक्स बढ़ाया, उसके जरिए छाती में छुरा मारा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को 10 पर्सेंट से 12 पर्सेंट किया। शॉर्ट टर्म को 15 से 20 पर्सेंट कर दिया। इंडिया गठबंधन के लिए अब एक छिपा हुआ संदेश है कि मिडिल क्लास अब सरकार को छोड़ने जा रही है और इस तरफ आ रही है। आप चक्रव्यूह बना देते हो और हम इसे तोड़ने का काम करते हैं।

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