कोलकाता : चिंगड़ीहाटा फ्लाईओवर बीमार है, इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन इतना भी नहीं कि इसे तोड़ने की आवश्यकता पड़े। चिंगड़ीहाटा फ्लाईओवर को बचाने के लिए केएमडीए पूरी कोशिश कर रहा है। इसके लिए अब तक कई बार इसके स्वास्थ्य की जांच हुई और आगे भी हाेती रहेगी। केएमडीए सूत्रों के मुताबिक यह फ्लाईओवर जब तैयार हुआ था उस दौरान से ही हल्की समस्या देखी गयी यानी उस दौरान से फ्लाईओवर का स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं रहा है। एक के बाद एक मरम्मत व रखरखाव किया जा रहा है। आगे भी चिंगड़ीहाटा फ्लाईओवर को बचाने की कोशिश जारी रहेगी।
ये किये गये उपाय : केएमडीए सूत्रों के मुताबिक 50% रेट्रोफिटिंग का काम पूरा हो गया है। रेट्रोफिटिंग के तहत पुरानी प्रणालियों की जगह नयी तकनीक या सुविधाओं को जोड़ा जाता है। इसके अलावा हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह ली जा रही है। प्वाइंट टू प्वाइंट फ्लाईओवर की हेल्थ पर निगरानी रखी जा रही है। नवान्न में इस संबंध में फाइल भेजी गयी है।
वहां से हरी झंडी मिलते ही बड़े रूप से इसकी हेल्थ स्टडी होगी। इस फ्लाईओवर पर लंबे समय से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगी है। केवल छोटे वाहनों का ही आवागमन होता है।
2016 में बड़ी दरार दिखी थी : 2016 में एक बड़ी दरार दिखाई दी। उस समय, केएमडीए ने सूचित किया कि दरार की तुरंत जांच की जानी चाहिए और मरम्मत की जानी चाहिए। उस मरम्मत के बाद भी 2019 में फ्लाईओवर की सेहत की दोबारा जांच की गयी और भारी ट्रैफिक नियंत्रण किया गया। इससे भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। दोबारा इसकी मरम्मत कराई गई।
जन्म से बीमारको बचाने की हो रही कोशिश
फ्लाईओवर काे नहीं तोड़ा जायेगाचिंगड़ीहाटा फ्लाईओवर को नहीं तोड़ने की सिफारिश पुल इंजीनियरों की एक समिति और फ्लाईओवर के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए नियुक्त एक सलाहकार द्वारा की गई थी। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल, फ्लाईओवर के स्वास्थ्य की निगरानी ऐसे उपकरण स्थापित करके की जाएगी जो इसके स्वास्थ्य में किसी भी तरह की गिरावट को जान लेगा। यदि कहीं कोई दिक्कत आयेगी तो आपातकालीन उपाय किए जाएंगे।