हादसों को बुलावा दे रही हैं महानगर की जर्जर इमारतें | Sanmarg

हादसों को बुलावा दे रही हैं महानगर की जर्जर इमारतें

महानगर की 200 इमारतों को घोषित किया गया है अति खतरनाक
2000 मकान मालिकों को दी गयी है नोटिस
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : महानगर में जारी बारिश के बीच पिछले कुछ दिनों से लगातार मकान के गिरने का सिलसिला जारी है। इसी बीच बुधवार को भी जोड़ाबागान थानांतर्गत 65बी, पाथुरियाघाट स्ट्रीट में मकान का हिस्सा गिरने से एक महिला की मौत हो गयी। घटना के बाद से केएमसी के बिल्डिंग विभाग ने खतरनाक इमारतों के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए उन मकान मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है, जो नोटिस देने के बाद भी मकान की मरम्मत नहीं करा रहे हैं। साथ ही कहा गया कि अगर जरूरत पड़ी तो स्थानीय पुलिस के सहयोग से उक्त मकान को खाली कर तोड़ा भी जा सकता है। विभाग की ओर से बताया गया है कि पाथुरियाघाट स्ट्रीट में जो मकान ढहा है वह लगभग 100 वर्षों से भी पुराना है। उसे खतरनाक घोषित करते हुए कई बार नोटिस भी जारी की गयी है। मालूम हो कि विभाग की ओर से फरवरी 2018 में उक्त मकान के खिलाफ वेकेंट नोटिस जारी की गयी थी, जिसके बाद से मकान मालिक ने विभाग से उस मकान की मरम्मत को लेकर बातचीत भी की थी लेकिन उसके बाद भी मकान की मरम्मत नहीं करायी गयी थी। नगर निगम की ओर से महानगर के करीब 200 मकानों को अति खतरनाक घोषित किया गया है वहीं 2000 मकान मालिकों के खिलाफ नोटिस जारी की गयी है। वहीं विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि महानगर में जो मकान जर्जर हालत में हैं और इन्हें गिराना जरूरी है यह जानते हुए भी लोग अपनी जान की परवाह किए बिना इन घरों में रह रहे हैं। शहर में सबसे ज्यादा खतरनाक मकान उत्तर कोलकाता के बड़ाबाजार, अमर स्ट्रीट , मानिकतल्ला, श्यामपुकुर इलाके में हैं। यहां लगभग 100 इमारतें जर्जर हालत में हैं। यह इमारतें लगभग 40 साल से भी पुरानी हैं, इनके किराये भी बहुत कम होते हैं, जिस चक्कर में लोग जान दांव पर लगा कर इनमें रहते हैं। ऐसे इमारतों को भी केएमसी द्वारा नोटिस भेजी गयी है कि वह इमारतों की मरम्मत कराएं या उसे फिर से बनवाएं।
किरायेदार भी करा सकते हैं मकान की मरम्मत
केएमसी की ओर से बताया गया कि जो मकान जर्जर हालत में है और उसे मरम्मत की जरूरत है तो ऐसे में अब किरायेदार भी इसकी मरम्मत करवा सकते हैं। इसके लिये किरायेदारों को बिल्डिंग विभाग से मरम्मत की अनुमति लेनी होगी। कई बार ऐसा होता है कि जर्जर मकान में रहने वाले किरायेदारों को इस बात का डर होता है कि अगर मरम्मत हुई तो पहले वाली जगह उन्हें नहीं मिल पायेगी। ऐसा डर किरायेदारों के मन में ना रहे, इसके लिये केएमसी की ओर से पहले किरायेदारों को सर्टिफिकेट ऑफ ऑक्यूपेंसी दिया जायेगा ताकि उन्हें उनका हिस्सा मिल जाये। मालूम हो कि केएमसी की ओर से हर साल मानसून के पहले खतरनाक मकानों को गिराने का काम किया जाता है, लेकिन कई बार वहां लोगों के रहने के कारण नगर निगम चाहकर भी कार्रवाई नहीं कर पाता है।

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