सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शनिवार को पंचायत चुनाव को लेकर पूरा बंगाल लगभग रणक्षेत्र जैसा नजर आया। कई जगहों पर मतदानकर्मियों पर हमले किये गये। आयोग ने प्रभावित मतदानकर्मियों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। इस साल पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से ही पूरे बंगाल में हलचल मची हुई है। लगभग हर दिन अलग-अलग इलाकों से अशांति की खबरें आ रही हैं, लेकिन शनिवार यानी वोटिंग के दिन व्यावहारिक तौर पर मौत के जुलूस देखने को मिले। सूत्रों के मुताबिक, एक दिन में राजनीतिक हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई। जिले में आए दिन मारपीट और मारपीट का दौर जारी है। बूथ के अंदर कहीं तोड़फोड़ हो रही है। कहीं-कहीं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता मतपत्र लेकर भागते दिखे। इस मतदान के दौरान कई मतदानकर्मी घायल हो गये। मतदान के दौरान हुए हमले में कोई मतदान कर्मी बूथ में बैठकर रोने लगा और कोई बूथ से भाग गया। प्रदेश भर में सभी पंचायत चुनावों में हिंसा की तस्वीरें सामने आई हैं। ऐसे में आयोग ने घायल या क्षतिग्रस्त मतदानकर्मियों को मुआवजा देने की घोषणा की है। संयोग से, विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए सरकारी कर्मचारियों के संगठन संगमरी मंच ने राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अदालत की अवमानना के आरोप में अदालत जाने की चेतावनी दी है। शनिवार शाम करीब चार बजे प्रतिनिधि चुनाव आयोग के दफ्तर गये। इसके बाद मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कानूनी लड़ाई के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने वोट हिंसा का आरोप लगाते हुए महानगर के रास्ते में एक विरोध मार्च की भी घोषणा की।
चुनावी हिंसा में प्रभावित मतदान कर्मियों को मिलेगा मुआवजा- EC
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