पुराने लांच की लंबे समय तक नहीं हुई मरम्मत, सता रहा है दुर्घटना का डर
लोगों का कहना, मेट्रो की शुरूआत से पड़ सकता है असर
गंगा में सहकारी समिति के कुल 32 बड़े, छोटे और लकड़ी के लॉन्च होते हैं संचालित
हावड़ा : हावड़ा में ट्रेन व रोड परिसेवा के बाद हावड़ा व कोलकाता के बीच लांच परिसेवा से आमलोगों को सफर करने में मदद मिलती है। कहीं भी जल्द पहुंचने के लिए लांच का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कोरोना के दौरान लंबे समय तक लांच परिसेवाएं ठप पड़ी थीं। ऐसे में ‘हुगली नदी जलपथ परिवहन सहकारी समिति’ वित्तीय संकट में था। अब संकट और गहराता नजर आ रहा है जब अंडरवाटर टनल में मेट्रो के सेफ्टी रन की शुरूआत हुई। दरअसल हाल ही में मेट्रो रेलवे की ओर से अंडरवाटर टनल में मेट्रो का सेफ्टी टेस्ट किया गया। यह सेफ्टी टेस्ट आगामी कुछ महीनों तक जारी रहेगा। इसके बाद फायनल ट्रायल रन होगा और मेट्रो परिसेवा की शुरूआत हो जायेगी। इसके बाद लांच का भविष्य किस और होगा। यह कह पाना मुश्किल है। क्योंकि वह अभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। हालांकि वर्तमान में परिस्थिति भले ही सामान्य है, परंतु कुछ लांच ऐसे हैं जिनकी हालत बद से बदतर हो गयी परंतु वे मरम्मत की बांट जोह रहे हैं। इससे हादसों का खतरा बढ़ रहा है। इधर आरोप है कि यहां कार्यरत कर्मियों को 3 माह से वेतन नहीं दिया गया है।
हावड़ा से 32 लांच हैं कार्यरत : गंगा में सहकारी समिति के कुल 32 बड़े, छोटे और लकड़ी के लॉन्च संचालित होते हैं। हावड़ा में 14, रामकृष्णपुर घाट पर 2, बागबाजार घाट पर 7, नाजीरगंज घाट पर 4, बौरिया घाट पर 3 और गडियारा में 2। इनमें से 14 लकड़ी के लॉन्च किराए पर हैं। सहकारी समिति के सूत्रों के अनुसार वर्तमान में उनके पास कुल 169 स्थायी कर्मचारी, 108 दिहाड़ी मजदूर और 22 सेवानिवृत्त संविदा कर्मचारी हैं। कुल मिलाकर 299 श्रमिक यहां कार्यरत है।
मेट्रो के चालू होने से होगा बड़ा असर : यहां कार्यरत लोगों और लांच का इस्तेमाल करनेवाले लोगों का कहना है कि कुछ ही महीनों में अंडरवाटर टनल की मेट्रो की शुरूआत हावड़ा मैदान से होगी जो कि हावड़ा स्टेशन होते हुए महाकरण और एस्प्लेनेड पहुंचेगी। वह भी कुछ ही मिनटों में ऐसे में लांच में कितने लोग ही सवारी करेंगे। यह कहना अब मुश्किल होगा। क्योंकि भविष्य में इनकी संख्या और भी कम होगी।
नुकसान झेल रही है समवाय समिति : कई कमियों के कारण 2015 से राज्य सरकार ने अपनी निर्वाचित कार्य समिति को भंग कर दिया है। प्रशासक असित विश्वास को 26 सितंबर 2018 को नियुक्त किया गया था। वह व्यवस्था अब भी चल रही है, लेकिन उसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं होने का दावा किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इससे पहले भी प्रशासक सप्ताह में 3 दिन हावड़ा के जेटीघाट स्थित एसोसिएशन के कार्यालय में आकर बैठते थे। आरोप है कि अब वह व्यवस्था लगभग बंद हो चुकी है। मजदूरों के मुताबिक कई बार सहकारिता विभाग द्वारा दिये गये पैसे से मजदूरों को भुगतान किया गया है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के बावजूद पिछले 5-6 साल में लॉन्च टिकट की कीमत 6 रुपये से अधिक नहीं बढ़ाई गई है। कोविड के कारण वर्ष 2020-22 से समाज की आर्थिक कमर लगभग टूट चुकी है। कर्मचारियों का पीएफ, ग्रेच्युटी बकाया है। आरोप है कि लंबे समय से एसोसिएशन में ऑडिट नहीं हुआ है।इस बीच वर्तमान प्रशासक, सहकारी समितियों के सहायक निबंधक प्रशासक ने कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं को लेकर 13 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। इस समिति को हुगली जलमार्ग सहकारी समिति के स्वास्थ्य को सुधारने का कार्य सौंपा गया है। परंतु कर्मियों का मानना है कि राज्य सरकार से बिना आर्थिक मदद मांगे इस समिति को बनाने का क्या फायदा?
क्या कहना है मंत्री का : सहकारिता विभाग के मंत्री और मध्य हावड़ा के विधायक अरूप राय ने कहा कि वे इस बारे में परिवहन विभाग से बात करेंगे। इस मुद्दे पर क्या किया जा सकता है, इस पर चर्चा की जाएगी और फैसला लिया जाएगा।