मौसमी बीमारियां बच्चों में बढ़ा रही एडिनो वायरस का खतरा!

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाताः पश्चिम बंगाल में एडिनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह वायरस तेजी से फैल रहा है जिसके चलते सरकारी और निजी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड भरते जा रहे हैं। बंगाल में पिछले 72 घंटों में विभिन्न अस्पतालों में सांस में संक्रमण की वजह से 12 बच्चों की मौत हो चुकी हैं। हालांकि, डॉक्टर इसे एडिनोवायरस से मौत नहीं मान रहे हैं। एडिनोवायरस कैसे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है इस बारे में सन्मार्ग ने बात की शिशु रोग विशेषज्ञों से।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जी सी हाजरा ने बताया कि यह समय मौसमी बीमारियों वाला होता है। इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। जिससे सर्दी, खांसी-जुकाम, बुखार, गले में दर्द जैसी बीमारियां पनपने लगती हैं। इस मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन तेजी से बढ़ने लगता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है। वायरल इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है। यह आमतौर पर 5-7 दिनों में खत्म हो जाता है। यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। इसमें तेज बुखार, उल्टियां, सिर दर्द, बदन दर्द, कमजोरी और हर समय थकान जैसे लक्षण नजर आने लगता है।
मौसमी बीमारियां बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम करती हैं कमजोर
डॉ. हाजरा ने कहा कि मौसमी बीमारियां बच्चों के इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है। क्योंकि बच्चों को जन्म से ही कई तरह के वैक्सीन लगाये जाते है जिसका असर उनके इम्यूनिटी पर पड़ता है और वह अन्दर से कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में मौसमी बीमारियां (सर्दी, खांसी-जुकाम, बुखार) उनको और भी कमजोर कर देती है और इस कारण वह आसानी से एडिनोवायरस के चपेट में आ जाते है।
एक महीने से ज्यादा खांसी और बुखार से जूझ रहे हैं बच्चे
वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कृष्‍णा सेन ने कहा कि ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या 50% तक बढ़ चुकी है, जो एक महीने से ज्यादा खांसी और बुखार से जूझ रहे हैं। डॉ सेन के मुताबिक ये ब्रॉंकाइटिस है, जिसमें गले में परेशानी होती है और खांसी में कभी कभार बलगम आती है। रात में खांसी बढ़ जाती है। कई मरीजों को नेबुलाइजर की जरूरत पड़ती है। कुछ लोगों और खासकर बच्चों को एडमिट करने की जरूरत पड़ रही है। ऐसा कई महीनों से चल रहा है।
कोरोना जैसा वायरल संक्रमण लेकिन घबराने की जरूरत नहीं
डॉ. सेन के मुताबिक आमतौर पर जब मरीज के कोरोना, निमोनिया के सभी टेस्ट नॉर्मल आ रहे हैं। ये एडिनोवायरस हो सकता है। ये भी कोरोना जैसा वायरल संक्रमण है, हालांकि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। ये बीमारी लंबा वक्त लेती है, लेकिन ठीक हो जाती है। वे लोगों को मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। मास्क हर तरह के वायरल संक्रमण से बचाने में कारगर साबित होता है। उन्होंने कहा कि आप भी सीजन की इस वायरल मार से बचना चाहते हैं तो मास्क की आदत दोबारा अपनाएं खास तौर पर घर में किसी को खांसी है तो बाकी लोग आइसोलेशन में रहे।

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